Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसलाा; 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की को शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत नहीं

51
Tour And Travels

पटना , 19 जनवरी। पटना हाईकोर्ट में एक शख्स ने अपनी पत्नी की कस्टडी मांगते हुए याचिका दाखिल की. याचिका में कहा कि वो अपनी नाबालिग पत्नी को साथ रखना चाहता है. हालांकि हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और कहा कि नाबालिग पत्नी को साथ रखने का दावा करने के लिए पति के पास कोई अंतर्निहित अधिकार नहीं है. जस्टिस पी बी बजंथरी और जस्टिस रमेश चंद मालवीय की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी.

क्या है पूरा मामला?
केस के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने एक 14 साल यानी नाबालिग लड़की से शादी की थी. और उन्हें एक बच्चा हुआ. जिस पर आपत्ति जताते हुए नाबालिग लड़की के माता-पिता ने याचिकाकर्ता पर केस कर दिया. और इस केस में अदालत ने नाबालिग लड़की को महिलाओं के लिए बने आश्रय गृह में रखने का आदेश दिया.

हालांकि, नाबालिग लड़की ने माता-पिता के घर जाने से इंकार कर दिया, और कोर्ट से अपने पति केस साथ ही रहने की इच्छा जाहिर की. वहीं मामले में पति (याचिकाकर्ता) ने कहा कि नाबालिग लड़की ने उससे अपनी मर्जी से शादी की है, इसलिए उसे साथ रखने की इजाजत दी जाए.

हाईकोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
कोर्ट ने अपने फैसले में कहe कि हमारा मानना है कि पति द्वारा बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट दायर कर पत्नी की कस्टडी की मांग करने का कोई अंर्तनिहित अधिकार नहीं है. आगे कहा कि पत्नी, अगर एक नाबालिग (18 वर्ष से कम उम्र) है, और उसे माता-पिता के घर अपनी जान खोने का डर है, तो कोर्ट उसे बालिग होने तक महिलाओं के आश्रय घर भेज सकती है.

कोर्ट ने ये भी कहा कि एक बच्ची, जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम हो, और उसे माता-पिता के घर अपने जान जाने का डर है, तो बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत कर जुवेनाइल जस्टिस (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 {Juvenile justice (Care and Protection of children) ACt, 2015} के अंतर्गत सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. साथ ही किसी भी परिस्थिति में भी 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की को शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.