बाबरी की हिमायती कांग्रेस ने वर्षों रामलला को रखा टेंट में: अनुराग ठाकुर
राम को काल्पनिक बताने वाले प्राण प्रतिष्ठा से भाग रहे: अनुराग ठाकुर
नई दिल्ली,18 जनवरी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में दर्शन- पूजन- अर्चन कर मंदिर परिसर की साफ सफाई कर श्रमदान किया।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि “श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में अब मात्र 6 दिन शेष हैं। प्रभु श्री राम के आगमन की खुशी में और प्रधानमंत्री जी के आग्रह पर आज पूरा देश राममय होकर अपने आसपास के क्षेत्रीय मंदिरों में साफ सफाई कर रहा है। “इसी का अनुसरण करते हुए मैं भी आज यहाँ प्राचीन श्री हनुमान मंदिर में अपनी श्रमदान कर अनुगृहीत हुआ। मैं बाकी सभी लोगों से भी अनुरोध करता हूं कि वह सभी भी इस स्वच्छता अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। मंदिर परिसरों में गंदगी फैलाने से बचें, कूड़ेदान का प्रयोग अवश्य करें।”
अनुराग ठाकुर ने कहा, “कांग्रेस ने वर्षों तक हमें श्री राम को टेंट में रखने को विवश किया था। यह वही लोग हैं जिन्होंने श्री राम और रामसेतु को काल्पनिक बताया था। फिर से बाबरी मस्जिद के निर्माण का वादा किया था। राम मंदिर ना बने इसके लिए वकीलों की फौज खड़ी की थी। लेकिन करोड़ों राम भक्तों व कार्यकर्ताओं के संघर्ष के बदौलत आज 500 वर्षों की प्रतीक्षा का अंत हो रहा है। यह तारीख पूछने वालों को करारा जवाब है। हमने तारीख, स्थान और समय के साथ-साथ उन्हें निमंत्रण भी भेज दिया है। आज यह इधर-उधर भाग रहे हैं ताकि इन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न जाना पड़े। पहले यह कह रहे थे कि हमें निमंत्रण नहीं मिला और अब निमंत्रण मिल गया है तो अलग बहाने बना रहे हैं। इन्होंने पहले राम मंदिर के निर्माण को लटकाया और अब जनता को भटकाने और भड़काने का काम कर रहे हैं।
दिल्ली के आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई है तब से एक भी मंदिर के पुजारी को कुछ नहीं मिला। उल्टा उनके ऊपर अत्याचार किया गया। यह वही लोग हैं जो राजनीति में आने से पहले भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने की कसमें में खाते थे। लेकिन आज इन्होंने सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार युक्त शासन दिया है। इनके उपमुख्यमंत्री, मंत्री और सांसद सभी जेल में हैं। अरविंद केजरीवाल जी बताएं कि उनकी ऐसी क्या मजबूरी है कि उन्हें ईडी के समन से भागना जरूरी है।”