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सर्बानंद सोनोवाल कोलकाता में आज आयोजित होने वाली पहली अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद की बैठक की करेंगे अध्यक्षता

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नई दिल्ली, 8जनवरी।पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, आज कोलकाता में ‘अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद’ की बैठक की अध्यक्षता के लिए तैयार है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, जहाज एमवी गंगा क्वीन पर एकदिवसीय बैठक में भाग लेंगे। इस दौरान पत्तन, पोत परिवहन और राज्य मंत्री श्रीपद नाइक और शांतनु ठाकुर भी मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्य सरकारों के मंत्रियों, उनके प्रधान सचिवों/सचिवों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों और क्षेत्र के डोमेन विशेषज्ञों की भी भागीदारी होगी।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल बैठक के दौरान “हरित नौका – अंतर्देशीय जहाजों के हरित पारगमन के लिए दिशानिर्देश” और “नदी क्रूज पर्यटन रोडमैप 2047” सहित महत्वपूर्ण पहलों का भी अनावरण करेंगे। इसके अतिरिक्त, इस कार्यक्रम में अंतर्देशीय जलमार्गों और संबंधित क्षेत्रों को आगे बढ़ाने की दिशा में सहयोगात्मक प्रयासों को चिह्नित करते हुए कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने की भी उम्मीद है।

अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद की उद्घाटन बैठक में भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास में महत्वपूर्ण मुद्दों पर लगातार सत्रों के साथ विचार-विमर्श के लिए एक पैक एजेंडा (कई विषयों पर चर्चा) शामिल है। सत्र में फेयरवे विकास, निजी क्षेत्र की भागीदारी और सर्वोत्तम प्रथाओं, अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) में कार्गो परिवहन दक्षता का अनुकूलन, यात्री परिवहन के लिए पर्यावरण-अनुकूल जहाजों के प्रचार और विकास को बढ़ावा देना, नदी क्रूज पर्यटन से आर्थिक लाभ की संभावनाओं का पता लगाने जैसे विषय शामिल हैं।

मंत्रालय ने मैरीटाइम इंडिया विजन-2030 में उल्लिखित लक्ष्यों के साथ, अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) के मॉडल शेयर को वर्तमान 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने का एक साहसिक उद्देश्य निर्धारित किया है। महत्वाकांक्षी समुद्री अमृत काल विजन 2047 के अंतर्गत, मंत्रालय का लक्ष्य वर्तमान अंतर्देशीय जल परिवहन को लगभग 120 एमटीपीए से बढ़ाकर 500 एमटीपीए से अधिक करना है, जो देश में अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास में महत्वपूर्ण विकास को दर्शाता है।

पश्चिम बंगाल में, सागरमाला कार्यक्रम 16,300 करोड़ रुपये की 62 सक्रिय परियोजनाएं चलाकर समुद्री विकास को बढ़ावा दे रहा है। इनमें से 1,100 करोड़ रुपये की 19 परियाजनाएं सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी हैं और 15 हजार करोड़ रुपये की 43 परियोजनाओं पर विभिन्न चरणों में काम चल रहा है। इन पहलों में, लगभग 650 करोड़ रुपये की आंशिक फंडिंग वाली 11 परियोजनाएं पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय चला रहा है। इनमें से लगभग 400 करोड़ रुपये की 6 परियोजनाओं का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और 250 करोड़ रुपये की अन्य पांच परियोजनाएं विभिन्न चरणों में है।

उल्लेखनीय उपलब्धियों में सड़क कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार, बंदरगाह और व्यापार उपयोगकर्ताओं को सुविधा प्रदान करना और कोलकाता बंदरगाह के ईजेसी यार्ड में पटरियों के उन्नयन के लिए 47 करोड़ रुपये की परियोजना शामिल हैं। इससे सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि हुई है। आगामी परियोजनाओं में सागरमाला से शत प्रतिशत वित्तीय सहायता के साथ आईआईटी खड़गपुर में अंतर्देशीय और तटीय समुद्री प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना और हुगली/भागीरथी ब्लॉक और पी.एस. कल्याणी नादिया जिला में नदी के किनारे पर कटाव-रोकने का कार्य शामिल हैं। 17 दशमलव 7 करोड़ की पहल का उद्देश्य तटों के कटाव को रोकना और स्थानीय समुदायों की आजीविका सुरक्षित करना है।

सरकार ने अक्टूबर 2023 में अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य सक्रिय कार्गो दक्षता, यात्रियों का आवागमन सुगम बनाना और नदी क्रूज पर्यटन में सुधार के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग और संबंधित अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) पारिस्थितिकी तंत्र के व्यापक विकास करना है। इस कार्य में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी है।