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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के स्थापना दिवस समारोह में होंगे मुख्य अतिथि

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नई दिल्ली, 5 जनवरी। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री तथा सीएसआईआर के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्ली में आयोजित होने वाले वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। समारोह का आज आयोजन किया जाएगा। नीति आयोग के सदस्‍य (एसएंडटी) डॉ. विजय कुमार सारस्वत और भारत सरकार के मुख्‍य वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद समारोह में विशिष्‍ट अतिथि होंगे।

प्रौद्योगिकी विकास, उपयोग और हस्तांतरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वदेशी औद्योगिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के अधिकार के साथ, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) की स्थापना 4 जनवरी, 1985 को राष्ट्रपति अधिसूचना के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत की गई थी। इसका प्राथमिक लक्ष्य उद्योगों के भीतर अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) को प्रोत्साहित करना, उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी, व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य प्रौद्योगिकियों को बनाने में सहायता करना है।

डीएसआईआर, प्रयोगशाला-स्तरीय अनुसंधान एवं विकास के व्यावसायीकरण में तेजी लाने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण क्षमताओं को मजबूत करने, समग्र निर्यात में प्रौद्योगिकी-गहन निर्यात के योगदान को बढ़ाने, औद्योगिक परामर्श को बढ़ावा देने और देश भर में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान की सुविधा के लिए एक उपयोगकर्ता-अनुकूल सूचना नेटवर्क स्थापित करने का काम करता है।

अपने प्रशासनिक दायरे के तहत, डीएसआईआर दो सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों-राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के साथ-साथ एक स्वायत्त संगठन, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की देखरेख करता है। इसके अलावा, डीएसआईआर एशियाई और प्रशांत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण केंद्र (एपीसीटीटी) को मेजबान सुविधाएं और सहायता प्रदान करता है, जो एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएन-ईएससीएपी) से संबद्ध एक क्षेत्रीय संस्थान है। यह बहुआयामी दृष्टिकोण देश के भीतर वैज्ञानिक और औद्योगिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए डीएसआईआर की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

हालांकि डीएसआईआर 4 जनवरी, 1985 को स्थापित किया गया था, लेकिन वह आज सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्ली में दोपहर 1:00 बजे से अपना स्थापना दिवस समारोह मनाएगा।

डीएसआईआर स्थापना दिवस के दौरान (i) भारत में उद्योगों, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संगठनों (एसआईआरओ) और सार्वजनिक द्वारा स्थापित इन-हाउस अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) केंद्रों को मान्यता/पंजीकरण प्रदान करने, वित्त पोषित अनुसंधान संस्थान; (ii) समावेशी विकास के लिए नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से व्यक्तिगत नवप्रवर्तकों और संगठनों का समर्थन करके समावेशी विकास एजेंडे के साथ आबद्ध पीआरआईएसएम (व्यक्तियों, स्टार्ट-अप और एमएसएमई में नवाचारों को बढ़ावा देना) योजना को लागू करने; (iii) नवीन उत्पाद और प्रक्रिया प्रौद्योगिकियों के विकास और प्रदर्शन की सुविधा के लिए उद्योगों और संस्थानों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करके ‘पेटेंट अधिग्रहण और सहयोगात्मक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास (पीएसीई)’ योजना को लागू करने, (iv) सामान्य अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास हब (सीआरटीडीएच) कार्यक्रम को लागू करने, जिसका उद्देश्य साझा बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी समर्थन और एमएसएमई समूहों से निकटता से जुड़े सार्वजनिक वित्त पोषित संस्थानों तक विशेष सेवाओं तक पहुंच के माध्यम से एमएसएमई के विकास को बढ़ावा देना है; और (v) ए2के+ योजना को लागू करने, जहां इवेंट उप-योजना औद्योगिक अनुसंधान और तकनीकी नवाचार पर सहयोग व अंतर्दृष्टि को बढ़ावा देती है, जैसे विभिन्‍न कार्यक्रमों के कार्यान्‍व्‍यन को रेखांकित करेगा। उल्‍लेखनीय है कि अध्ययन उप-योजना उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अध्ययन का समर्थन करती है, जबकि टीडीयूपीडब्ल्यू उप-योजना का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के उत्थान के लिए कौशल उपग्रह केंद्र स्थापित करते हुए महिलाओं की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाना है।

स्थापना दिवस के अवसर पर न केवल विभाग के महत्‍व को रेखांकित किया जाएगा, बल्कि विज्ञान के क्षेत्र में विभाग की यात्रा, उपलब्धियों और गहन योगदान को प्रतिबिंबित करने तथा उसका उत्‍सव मनाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में भी काम करेगा। यह महत्वपूर्ण उत्सव वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और सहयोगियों को सौहार्द और साझा उद्देश्य की भावना से एक साथ लाता है। स्थापना दिवस वैज्ञानिक उत्कृष्टता और ज्ञान के प्रसार के लिए विभाग की अटूट प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में काम करेगा। यह भविष्य के प्रयासों के लिए मंच तैयार करेगा, आशावाद और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा, क्योंकि राष्ट्र वैज्ञानिक अन्वेषण की सीमाओं को आगे बढ़ा रहा है। स्थापना दिवस के जरिये स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास, प्रचार, उपयोग और हस्तांतरण के लिए औद्योगिक अनुसंधान में डीएसआईआर के दायित्‍व के मद्देनजर विभाग के कामकाज तथा उसकी भावना को प्रस्‍तुत किया जाएगा।