पीएम स्वनिधि से देश भर में 57 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को लाभ हुआ: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी
नई दिल्ली,30दिसंबर।28 राज्यों के स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के जीवंत समुदाय को शुभकामनाएं देते हुए, आवास एवं शहरी कार्य और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज यहां राष्ट्रीय स्ट्रीट फूड फेस्टिवल 2023 का उद्घाटन किया। इस स्ट्रीट फूड फेस्टिवल का आयोजन नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (एनएएसवीआई) द्वारा 29 दिसंबर से 31 दिसंबर 2023 तक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में किया जा रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने स्ट्रीट वेंडरों के सशक्तिकरण में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान शुरू की गई पीएम-स्वनिधि योजना कई लोगों के लिए आशा की किरण बन गई है। पिछले दो वर्षों में, इसने पर्याप्त ऋण वितरित किए हैं, डिजिटल लेनदेन की सुविधा प्रदान की है और यहां तक कि खाद्य वितरण प्लेटफार्मों के लिए दरवाजे भी खोले हैं। इससे न केवल वित्तीय सहायता मिली है बल्कि हमारे स्ट्रीट वेंडर्स के लिए बाजार तक पहुंच का भी विस्तार हुआ है।
योजना की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मंत्री जी ने बताया कि इस योजना से 57.83 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, योजना के तहत 80.77 लाख ऋण स्वीकृत किए गए हैं और 10,058 करोड़ रुपये के 76.22 लाख रुपये के ऋण वितरित किये गये हैं।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि योजना के तहत ऋण प्राप्त करने वाली महिला स्ट्रीट वेंडरों का प्रतिशत वितरित किए गए सभी ऋणों का लगभग 45 प्रतिशत (25.78 लाख) है। उन्होंने कहा कि पीएम स्वनिधि के लगभग 72 प्रतिशत लाभार्थी हाशिए पर रहने वाले वर्गों से हैं।
चूंकि यह महोत्सव भारत में पहला ‘जीरो वेस्ट स्ट्रीट फूड फेस्टिवल’ है, इसलिए पुरी ने भारत के स्वच्छता आंदोलन के अनुरूप कार्यक्रम की अवधारणा तैयार करने के लिए एनएएसवीआई को बधाई दी।
मंत्री जी ने 1,50,000 स्ट्रीट वेंडरों को खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एनएएसवीआई की सराहना की। उन्होंने दो क्षेत्रीय स्ट्रीट फूड विक्रेता प्रशिक्षण संस्थान (एसवीटीआई) की स्थापना का भी उल्लेख किया, जिसे एनएएसवीआई द्वारा 2024 में दिल्ली और पटना में लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा, ये संस्थान न केवल पाक कौशल में प्रशिक्षण देंगे बल्कि खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता को भी प्राथमिकता देंगे।