Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

भारतीय और हांगकांग के सीमा शुल्क विभाग ने व्यापार-आधारित मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का किया भंडाफोड़ किया, 4 गिरफ्तार

117
Tour And Travels

नई दिल्ली,30दिसंबर।भारतीय सीमा शुल्क और हांगकांग सीमा शुल्क ने द्विपक्षीय सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान के एक अनुकरणीय मामले में हांगकांग स्थित निर्यातकों और विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में मौजूद भारतीय आयातकों से जुड़े व्यापार-आधारित मनी लॉन्ड्रिंग (टीबीएमएल) के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। यह कार्रवाई एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक सरगनाओं को बेनकाब करने के लिए दोनों प्रशासनों द्वारा उनके संबंधित कानूनों के तहत की गई जांच और प्रवर्तन कार्रवाइयों को दर्शाती है।

यह सहयोगी हलचल भारतीय सीमा शुल्क और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा हाल ही में संपन्न प्रवर्तन मामलों में सहयोग के वैश्विक सम्मेलन (जीसीसीईएम) के ठीक बाद सामने आई है। इस सम्मेलन का विषय ‘नेटवर्क से लड़ने के लिए नेटवर्क की आवश्यकता होती है’ था।

डीआरआई ने एक एसईजेड से व्यापार-आधारित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले का खुलासा किया था, जिसमें भारत से विदेशी मुद्रा भेजने के लिए प्राकृतिक हीरे की आड़ में सस्ते सिंथेटिक हीरे भारत में आयात किए जा रहे थे। जांच से पता चला कि सस्ते सिंथेटिक हीरों को प्राकृतिक हीरे बताया जा रहा था और 100 गुना से अधिक मूल्य लगाया जा रहा था। इन सिंथेटिक हीरों को हांगकांग स्थित फर्मों से भारत के एसईजेड में आयात किया जा रहा था।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कुछ असली हीरे आयात किए गए थे लेकिन उनकी जगह सिंथेटिक हीरे ले लिए गए और एसईजेड के बाहर तस्करी कर दी गई। आयात करने वाली इकाई को हांगकांग और कुछ अन्य देशों में बहुत ऊंचे मूल्य पर हीरों से जड़े आभूषणों का निर्यात करते हुए भी पाया गया। खास बात यह है कि जहां आयात के अधिकांश घोषित बढ़े हुए मूल्य को बैंकिंग चैनलों के माध्यम से देश से बाहर भेजा गया था, वहीं निर्यात के लिए प्राप्त प्रेषण केवल 0.2 प्रतिशत के मामूली स्तर पर देखा गया था। इससे यह पता चलता है कि यह व्यापार काले धन को सफेद करने के लिए किया गया है।

जांच से यह भी संकेत मिला कि आयात करने वाली इकाई के बैंक खाते में धन का प्रवाह भारत में विभिन्न डमी फर्मों द्वारा बैंक लेनदेन के माध्यम से हुआ और फिर उक्त धन को ‘हीरे’ के आयात के भुगतान के बहाने इस एकल बैंक खाते से हांगकांग में विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को हस्तांतरित किया गया। जांच में मिले साक्ष्य यह भी संकेत देते हैं कि इस व्यापार-आधारित मनी लॉन्ड्रिंग का मास्टरमाइंड हांगकांग में मौजूद है।

जांच के बाद सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 104 के प्रावधानों के तहत भारत में चार लोगों की गिरफ्तारी हुई। भारतीय सीमा शुल्क ने जब्त किए गए माल के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया, जिसमें हांगकांग स्थित संस्थाओं को भी नोटिस दिया गया, लेकिन उन्होंने जवाब देने और खुद को भारतीय सीमा शुल्क विभाग के सामने पेश होने से इनकार कर दिया। यह ध्यान देने वाली बात है कि लगभग सभी मामलों में टीबीएमएल के अपराधी भारत में प्रवर्तन कार्रवाई से बचने के लिए विदेशों में मुखौटा कंपनियों के माध्यम से काम करते हैं।

डीआरआई मौजूदा द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग उपकरण और नेटवर्क के तहत, पहले हांगकांग स्थित संदिग्ध फर्मों के अस्तित्व की जांच करने के लिए हांगकांग सीमा शुल्क तक पहुंच गया था। हांगकांग में मौजूद सरगनाओं का पता लगाने के लिए दोनों देशों के बीच संचार चैनल को और मजबूत किया गया।

पिछले हफ्ते, हांगकांग सीमा शुल्क ने बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग सिंडिकेट का पता लगाने के लिए एक प्रवर्तन अभियान चलाया, जिसमें हीरे के व्यापार के जरिए लगभग 65 मिलियन डॉलर काले धन को सफेद किया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान, हांगकांग सीमा शुल्क ने हांगकांग के कई क्षेत्रों में आठ परिसरों पर छापा मारा, जिसमें चार आवासीय परिसर और चार वाणिज्यिक इकाइयां शामिल थीं। सीमा शुल्क विभाग ने मामले से जुड़े होने के संदेह में चार लोगों को गिरफ्तार किया है और उनकी कुल मिलियन डॉलर की संपत्ति जब्त करने की पहले ही व्यवस्था कर ली है। यह कार्रवाई पहले भारत में भारतीय सीमा शुल्क द्वारा की गई प्रवर्तन कार्रवाई के आधार पर शुरू की गई थी।

हांगकांग और इससे पहले भारत में हुई गिरफ्तारियों से जुड़ा यह ताजा मामला वैश्विक स्तर पर आपराधिक गिरोहों को एक साफ संदेश देगा कि वे कानून से बच नहीं सकते हैं।