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विस्थापित परिवारों के लिए कोल इंडिया लिमिटेड के पुनर्वास उपाय

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सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के कथारा, ढोरी और बोकारो एवं करगली (बी एंड के) क्षेत्रों में विभिन्न कोयला खनन गतिविधियों के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और इसकी सहायक कंपनियों द्वारा अधिगृहीत कुल भूमि इस प्रकार है: –

कथारा – 3765.7 हेक्टेयर

धोरी – 2966.71 हेक्टेयर

बी एवं के – 6977.03 हेक्टेयर

 

उपरोक्त क्षेत्रों में कोयला खदानों से विस्थापित / प्रभावित परिवारों की संख्या इस प्रकार है:-

कथारा 83 परियोजना प्रभावित परिवार
धोरी 110 परियोजना प्रभावित परिवार
बी एवं के 850 परियोजना प्रभावित परिवार

 

विस्थापित परिवारों को कंपनी के वर्तमान  दिशानिर्देशों, नियमों और पुनर्वास और पुनर्स्थापन (रिहैबिलिटेशन एंड रिसैटलमेंट – आर एंड आर) नीति के लागू मानदंडों / प्रावधानों के अनुसार मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार प्रदान किया गया है।

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनियां विशिष्ट परिस्थितियों पर विचार करते हुए कुछ सहायक कम्पनी वार संशोधनों के साथ सीआईएल की पुनर्वास और पुनर्स्थापन (रिहैबिलिटेशन एंड रिसैटलमेंट – आर एंड आर) नीति का पालन कर रही हैं और भूमि से वंचित होने वालों को प्रत्येक 02 एकड़ भूमि के लिए एक रोजगार की दर से सीधे रोजगार प्रदान कर रही हैं, जो या तो खोई हुई भूमि के घटते क्रम में है अथवा ऐसी  पैकेज डील अवधारणा के अंतर्गत है, जिसमें छोटे भूमि स्वामियों को अपने नामांकित व्यक्ति के एक रोजगार के लिए 02 एकड़ भूमि की व्यवस्था के लिए अपनी भूमि के छोटे हिस्से को आपस में मिलाने (क्लब करने) की अनुमति है।

भूमि अर्जन, पुनर्वासन, और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार (कठिनाइयों को दूर करना) [राईट टू फेयर कॉम्पेनसेशन एंड ट्रांसपेरेंसी इन लैंड एक्विजिशन, रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटलमेंट (रिमूवल ऑफ़ डिफीकल्टीज- आरएफसीटीएलएआरआर) ] आदेश 2015 की अधिसूचना के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि सभी सहायक कंपनियों को कोयला धारक क्षेत्रों (अधिग्रहण और विकास) अधिनियम, 1957 के अंतर्गत अर्जित भूमि के लिए आरएफसीटीएलएआरआर अधिनियम, 2013 की पहली, दूसरी और तीसरी अनुसूची के प्रावधानों का पालन करना होगा। इसके अलावा, सहायक कंपनी बोर्डों को संबंधित सहायक कंपनियों में प्रचलित विशिष्ट स्थितियों के संदर्भ में आर एंड आर नीति में आवश्यक संशोधनों को मंजूरी देने के लिए अधिकृत किया गया है क्योंकि नीति संपूर्ण नहीं है। भूमि वाले के पास राज्य के कलेक्टर या सीआईएल की आर एंड आर नीति 2012 द्वारा पारित आर एंड आर लाभों का लाभ उठाने का विकल्प है।

सीसीएल द्वारा उक्त क्षेत्रों के संबंध में प्रदान की गई क्षतिपूर्ति और अन्य लाभों और रोजगार का विवरण निम्नानुसार है: –

सीसीएल द्वारा उक्त क्षेत्रों के संबंध में प्रदान किए गए मुआवजे और अन्य लाभों और रोजगार का विवरण निम्नानुसार है: –

क्षेत्र भूमि खोने वालों को कुल मुआवजा रुपये में 1985 से रोजगार
कथारा 7583764.58 147
बोकारो एवं करगली 258121107.65 709
ढोरी 5933442.02 158
कुल 271638314.25 1014

 

विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास के दौरान सीआईएल(कोल इंडिया लिमिटेड) की सहायक कंपनियों को निम्नलिखित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है: –

• अधिकांश झोपड़ियाँ जीएम (गैर मजरुआ) भूमि पर बसी हैं, जिनके किरायेदारों के पास अपनी भूमि का दावा करने वाले कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं। ये ग्रामीण मकान के मुआवजे के साथ-साथ जमीन के मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं.

• झारखंड सरकार के संबंधित विभाग द्वारा उचित अभिलेखों के रखरखाव की कमी और अधिग्रहित भूमि का प्रमाणीकरण प्राप्त करने में देरी के कारण।

• पुनर्वास स्थल को अंतिम रूप देने के संबंध में ग्रामीणों के बीच आम सहमति बनाना।

• प्रभावित व्यक्तियों द्वारा मानदंडों से परे रोजगार के दावे।

• रोजगार के दावे को लेकर परिवार में विवाद।

• विस्थापित लोगों को आर एंड आर स्थलों पर बसने की अनुमति देने के लिए मेजबान समुदाय (होस्ट कम्यूनिटी) का विरोध। मेज़बान समुदाय के पास स्थानांतरित होने में ग्रामीणों की अनिच्छा।

• पुनर्वास स्थल के लिए उपयुक्त भूमि की कमी।

 

विस्थापितों को प्रचलित नीति एवं मापदण्ड के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराना एक सतत प्रक्रिया है। जैसे ही भूमि का भौतिक कब्ज़ा ले लिया जाता है और आवश्यक अनुपालन / दस्तावेज़ीकरण पूरा हो जाता है, नौकरियां प्रदान की जाती हैं। ऐसा कोई भी मामला लंबित नहीं है, जहां आवश्यक दस्तावेज / अनुपालन बचा  हो।

सीसीएल के उक्त क्षेत्रों में विस्थापितों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु लंबित मामलों का विवरण इस प्रकार है:-

क्षेत्र लंबित / प्रक्रियाधीन रोजगार मामले परियोजना / क्षेत्र
बोकारो एवं करगली क्षेत्र 1. कारो ओसीपी – 06 नग।

2. एकेके ओसीपी – 06 नग।

ढोरी क्षेत्र ढोरी ओसीपी – 04 नग।
कथारा क्षेत्र शून्य

 

लंबित/प्रक्रियाधीन मामलों को सुलझाने / तेजी से निपटाने के लिए सीसीएल द्वारा उठाए गए कदम इस प्रकार हैं:-

 

• आवेदकों, राज्य सरकार प्राधिकरण और ग्राम प्रतिनिधि की मदद से रोजगार प्रस्तावों से संबंधित कमी वाले दस्तावेजों की व्यवस्था की जा रही है।

• सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) अधिकारी भूमि खोने वालों को आर एंड आर लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा परियोजना और क्षेत्र स्तर पर विभिन्न निगरानी समूह हैं जिनका गठन परियोजना और क्षेत्र दोनों स्तरों पर पुनर्वास कार्य योजना के कार्यान्वयन और निगरानी और मूल्यांकन के लिए किया गया है। उक्त समूह पुनर्वास कार्य योजना के कार्यान्वयन के दौरान राज्य अधिकारियों के साथ भी बातचीत करता है। सीसीएल अपनी ओर से संबंधित ग्रामीणों के साथ नियमित संपर्क में है और सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए उनके साथ बातचीत कर रहा है।

यह जानकारी केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है I