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अपने फायदे के लिए दूसरों का शोषण न करें, बाहरी स्रोतों से घटिया आपूर्ति के झांसे में न आएं: पीयूष गोयल

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नई दिल्ली, 9 दिसंबर। केन्‍द्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) उत्कृष्टता सम्मान 2021-22 और 2022-23 को यहां संबोधित करते हुए कहा कि अपने फायदे के लिए दूसरों का शोषण न करें, बाहरी स्रोतों से घटिया आपूर्ति के झांसे में न आएं।

उन्होंने कहा कि देश में संपूर्ण कपड़ा इकोसिस्‍टम के दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए एक-दूसरे का सहयोग करके घरेलू आपूर्ति श्रृंखला क्षमताओं का निर्माण करना आवश्यक है।

केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि उद्योग का प्रत्येक अंश महत्वपूर्ण है और इसलिए, उन्होंने उद्योगपतियों से घरेलू उपलब्धता के स्थान पर कम लागत वाले घटिया सामान के झांसे में नहीं आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का असली अर्थ दुनिया के लिए भारत के दरवाजे बंद करना नहीं है, बल्कि घरेलू आपूर्तिकर्ताओं का सहयोग करने और घरेलू इकोसिस्‍टम विकसित करने के माध्यम से उन्हें व्यापक रूप से खोलना है।

पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योग को सामान्य से परे की आकांक्षा करनी चाहिए और उनका सहयोग करने के लिए सरकार विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के साथ जुड़ाव, या ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने के प्रयासों जैसे परिस्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए हर संभव उपाय कर रही है।

फरवरी में प्रस्तावित भारत टेक्स 2024 के बारे में बात करते हुए केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि यह भारत की ताकत दिखाने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि दुनिया को यह दिखाने का अवसर है कि चाहे गुणवत्ता हो, लागत प्रतिस्पर्धात्मकता हो, अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सामना करने की क्षमता हो और दुनिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन में लगातार उच्च गुणवत्ता प्रदान करने की क्षमता हो, भारत किसी से पीछे नहीं है।

पीयूष गोयल ने कहा कि यह उद्योग जगत के नेताओं का विश्वास था कि भारत पिछले साल 100 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल करने में सक्षम था। उन्होंने कहा, “क्योंकि असाधारण परिणाम केवल आम लोग ही देते हैं।” उन्होंने कहा कि परिधान उद्योग में न केवल आत्मविश्वास है बल्कि दृढ़ विश्वास भी है।

उन्होंने कहा कि कस्तूरी कॉटन के माध्यम से सरकार का लक्ष्य कपास की ट्रेसेबिलिटी हासिल करना है। उन्होंने कहा कि पीएम मित्र पार्क प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की कल्‍पना है। सरकार का प्रयास इनमें से प्रत्येक पार्क को व्यापक, समग्र तरीके से बनाना है ताकि यह अंतिम समाधान प्रदान कर सके। पीयूष गोयल ने कहा कि वह फैशन डिजाइनरों के साथ भी यह विश्लेषण करने में लगे हुए हैं कि वे उद्योग की बातचीत और जुड़ाव का एक अभिन्न अंग कैसे बन सकते हैं।