विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार बोले टीएस सिंहदेव, जैसे टीम इंडिया वर्ल्ड कप हारी, वैसे ही कांग्रेस..
रायपुर, 6दिसंबर। छत्तीसगढ़ के निवर्तमान उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने राज्य में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार की तुलना क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन से की जिसमें उसने सभी मैच जीते, लेकिन अंतिम मुकाबला हार गई थी. टीएस सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सहित राज्य में नेतृत्व एकजुट होकर काम कर रहा है और कोई बिखराव नहीं है. टीएस सिंहदेव (71) को हाल में छत्तीसगढ़ में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अपनी अंबिकापुर विधानसभा सीट पर 94 मतों के मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि ऐसी बातें कही जा रही हैं कि आदिवासी मतों का बंटवारा हुआ, लेकिन इसका दायरा ‘सीमित’ है और पार्टी ने शहरी क्षेत्रों में भी खराब प्रदर्शन किया है.
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन सभी महत्वपूर्ण मुकाबले में हार रही है, सिंहदेव ने कहा, “यह काफी हद तक क्रिकेट विश्व कप जैसा लग रहा है जहां हमने अन्य सभी मैच में जीत दर्ज की लेकिन फाइनल मैच नहीं जीत पाये थे. भारत ने क्रिकेट विश्व कप में लगातार दस मैच में जीत दर्ज की थी लेकिन फाइनल मैच में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी में पदाधिकारियों के बीच अधिक एकजुटता से मदद मिलेगी, सिंहदेव ने कहा, “100 प्रतिशत. कोई भी घर जो एकजुट है, बंटे हुए घर की तुलना में कहीं बेहतर है. इसके बारे में कभी कोई दो राय नहीं हो सकती.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह एक विभाजित घर है, सिंहदेव ने कहा कि यह विभाजित होने या न होने का सवाल नहीं है, लेकिन सामान्य तौर पर, हर बार पूरे परिवार का एक साथ रहना आवश्यक होता है.
आदिवासी मतों के भाजपा की ओर खिसकने के संबंध में सिंहदेव ने कहा कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी इलाकों में कांग्रेस के नतीजों को अलग नजरिये से देखे जाने की जरूरत है, जहां पार्टी 26 सीट में से केवल चार सीट जीतने में सक्षम थी, और अन्य आदिवासी क्षेत्रों में प्रदर्शन को अलग से देखने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘बस्तर से चार सीट है, हमने सरगुजा से कोई सीट नहीं जीती. सरगुजा में पांच सीट गैर-आरक्षित हैं, नौ आदिवासी सीट हैं, और 11 वहां (बस्तर) हैं. तो 20 आदिवासी सीट, जिनमें से हमने चार जीतीं. समय-समय पर यहां बदलाव होता नजर आता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में, यह एक अलग परिदृश्य था… जहां सरगुजा और बस्तर की इन आदिवासी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा हुआ है, अन्यथा कई अन्य आदिवासी सीट हैं जो कांग्रेस ने जीती हैं.’’ सिंहदेव ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने शहरी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि 14 नगर निगम क्षेत्रों में से कांग्रेस को केवल दो – भिलाई और धमतरी में जीत मिली है.
यह पूछे जाने पर कि राज्य में हार के लिए जिम्मेदारी किसकी है, सिंहदेव ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, ‘‘आप इसे दूसरों पर नहीं डाल सकते. यदि मुझे जिम्मेदार ठहराया जाना है, तो मुझे पहला और एकमात्र व्यक्ति होना चाहिए जिसे अंबिकापुर सीट पर हार के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, मुझे सरगुजा के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, मुझे राज्य के अन्य हिस्सों के लिए भी उपमुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.’’ अंबिकापुर में अपनी हार पर उन्होंने कहा कि प्राथमिक जिम्मेदारी मेरी है. छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने 54 सीट पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस को 35 सीट पर जीत मिली.