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अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा का दावा, 18 MLA के साथ मानेसर गए सचिन पायलट के फोन पर नजर रख रही थी सरकार

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नई दिल्ली, 6दिसंबर। राजस्थान के निवर्तमान सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक बार उनकी सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया है. गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने जब सचिन पायलट 18 विधायकों के साथ मानेसर गए थे, तब राज्य सरकार सचिन पायलट पर नज़र रख रही थी और जिन लोगों से वह मिल रहे थे. सचिन पायलट पर नजर रखी जा रही थी.

शर्मा ने कहा, सचिन पायलट फोन पर किससे बात कर रहे थे, इसकी निगरानी के कारण ही हम कुछ लोगों को वापस ला सके. उन्होंने उसका भी पीछा किया जा रहा था और उसकी सभी गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही थी.

गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने कहा, “राजस्थान में राजनीतिक संकट के दौरान, जब सचिन पायलट 18 विधायकों के साथ मानेसर गए थे, तब राज्य सरकार सचिन पायलट पर नज़र रख रही थी और जिन लोगों से वह मिल रहे थे. सचिन पायलट पर नजर रखी जा रही थी कि वह कहां जा रहे थे, और वह फोन पर किससे बात कर रहे थे, ताकि सुधारात्मक उपाय किए जा सकें और निगरानी के कारण ही हम कुछ लोगों को वापस ला सके. उन्होंने उसका भी पीछा किया जा रहा था और उसकी सभी गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही थी.

बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद शर्मा ने ट्विटर पर हार का ठीकरा मुख्यमंत्री गहलोत पर फोड़ते हुए एक लम्बी पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर किया था.

शर्मा ने ट्विटर पर लिखा था, लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है. मैं नतीजों से आहत जरूर हूँ, लेकिन अचंभित नहीं हूँ..

कांग्रेस पार्टी #Rajasthan में निःसंदेह रिवाज़ बदल सकती थी, लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे. यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी की शिकस्त है. गहलोत के चेहरे पर, उनको फ्री हैंड देकर, उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा और उनके मुताबिक प्रत्येक सीट पर वे स्वयं चुनाव लड़ रहे थे. न उनका अनुभव चला, न जादू और हर बार की तरह कांग्रेस को उनकी योजनाओं के सहारे जीत नहीं मिली और न ही अथाह पिंक प्रचार काम आया.

गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया
शर्मा ने ट्विटर पर लिखा था, तीसरी बार लगातार सीएम रहते हुए गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया. आज तक पार्टी से सिर्फ़ लिया ही लिया है लेकिन कभी अपने रहते पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए गहलोत..