नई दिल्ली, 4दिसंबर। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन में स्पष्ट जीत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) इन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है. भाजपा अब अपने दम पर 12 राज्यों में सत्ता में होगी, जबकि दूसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हारने के बाद तीन राज्यों में सिमट गई है.
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) द्वारा शासित राज्यों में अब 543 लोकसभा सीटों में से लगभग आधी सीटें होंगी, जबकि केवल दो राज्य जहां 50 से कम लोकसभा सीटें हैं, अब उन दलों द्वारा शासित हैं जो राजग या विपक्षी दलों के ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ यानी ‘I.N.D.I.A.’ गठबंधन के साथ नहीं हैं.
दिल्ली और पंजाब में अपनी सरकार के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) राष्ट्रीय दलों में तीसरे स्थान पर है.
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, गोवा, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश में सत्ता में है और अब इन चुनाव परिणामों के बाद वह मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने में कामयाब हो गई है, जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से सत्ता छीन ली है.
इनके अलावा, भाजपा चार राज्यों – महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड और सिक्किम में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है.
कांग्रेस अब अपने दम पर तीन राज्यों – कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में ही सत्ता में बची है. तेलंगाना में कांग्रेस ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) को हराकर जीत हासिल की है. हालांकि, कांग्रेस की इस जीत ने भाजपा के लिए दक्षिण के सभी दरवाजों को बंद कर दिया है.
कांग्रेस बिहार और झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है. तमिलनाडु में शासन करने वाली द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की वह सहयोगी है, लेकिन राज्य की सत्ता में उसकी कोई दखल नहीं हैं यानी वह सरकार की हिस्सेदार नहीं है.
नतीजों ने एक प्रमुख विपक्षी दल के रूप में आम आदमी पार्टी की स्थिति को मजबूत किया है. वह उत्तर भारत के दो राज्यों में सरकार के साथ दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बन गई है, क्योंकि यहां पर कांग्रेस की हिस्सेदारी में गिरावट आई है.