चित्रदुर्ग, 20नवंबर। कर्नाटक के चित्रदुर्ग के मुरुघराजेंद्रबृहन मठ के मठाधीश शिवमूर्ति मुरुघा शरणारु को बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण मामले में जमानत के बाद जेल से रिहा होने के चार दिन बाद आज पुलिस ने फिर से उन्हें दूसरे पॉक्सो केस में अरेस्ट कर लिया है.
चित्रदुर्ग के एसपी ने कहा, ”16 नवंबर को हाई कोर्ट ने उन्हें पहले POCSO मामले में सशर्त जमानत दे दी थी. इस जमानत पर उन्हें रिहा भी कर दिया गया था. लेकिन जैसे ही उन्हें दूसरे POCSO मामले में जमानत मिलने से पहले रिहा किया गया था, जमानत मिलने के 4 दिन के भीतर आज उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.
चित्रदुर्ग मुरुगराजेंद्र बृहन मठ के महंत को उनके खिलाफ पॉक्सो कानून (POCSO) के तहत दर्ज एक मामले में कुछ घंटे पहले ही एक अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था. चित्रदुर्ग में द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बी के कोमला ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था और पुलिस को महंत शिवमूर्ति शरण को मंगलवार तक अपने समक्ष पेश करने का आदेश दिया था.
महंत ‘बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण’ (पॉक्सो) कानून के तहत दर्ज दो मामलों में से पहले में एक सितंबर, 2022 से हिरासत में थे और उच्च न्यायालय ने उन्हें आठ नवंबर को जमानत दे दी थी. इसके बाद उन्हें 16 नवंबर को यहां जेल से रिहा कर दिया गया. महंत को रिहा किये जाने के बाद से वह दावनगेरे के विरक्ता मठ में रह रहे थे जहां से उन्हें चित्रदुर्ग पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया.
हाईकोर्ट ने महंत के खिलाफ पॉक्सो कानून के दो मामलों में से एक में जमानत के लिए अनेक शर्तें लगाई हैं, जिनमें मामलों में जांच पूरी होने तक उन्हें चित्रदुर्ग जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलना शामिल है. महंत को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही दो जमानत राशि जमा करने पर छोड़ा गया था और साक्ष्यों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित नहीं करने की चेतावनी दी गई थी.
महंत के खिलाफ पहली शिकायत मैसुरू के एक एनजीओ ने की थी. इसमें महंत पर मठ के स्कूल में पढ़ने वाले और उसके छात्रावास में रहने वाले नाबालिग बच्चों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. दूसरा मामला दो नाबालिग बच्चियों की मां की शिकायत पर दर्ज किया गया, जिन्होंने आरोप लगाया कि उनकी दो बेटियों और दो अन्य नाबलिग बच्चियों का महंत ने 2019 और 2022 में उस समय यौन शोषण किया था, जब वे छात्रावास में रह रही थीं. (PTI/ANI)