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स्वस्थ्य जीवन के लिये प्रकृति से जुडे़ – सत्य पाल जैन

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चण्डीगढ़, 18नवंबर। चण्डीगढ़ के गांधी स्मारक भवन में आज राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, भारत सरकार एवं पूर्व सांसद सत्य पाल जैन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सत्य पाल जैन ने कहा कि हमारे जीवन में ही प्राकृतिक चिकित्सा है। हमारे पूर्वजों ने हमारी आवश्यकताओं के दृष्टिगत बहुत सारी चीजें धर्म के साथ जोड़कर बताई और समझाई हैं जैसे पीपल का पौधा सबसे ज्यादा आक्सीजन देता है तो कहा कि इसमें बृह्म है इसे मत काटना। हमारे घरों में महिलाओं को खान पान की गहरी जानकारी है उन्हें पता है कि किस चीज के साथ क्या खाना है। सबसे जरुरी है कि प्रकृति के साथ जुड़कर रहना। प्रातः सैर करें, संतुलित जीवन जीयें तो शरीर में कोई भी समस्या नहीं होगी। प्रकृति की व्यवस्था ऐसी है वह सब ठीक कर देती है। हमारा पहनावा भी शुद्ध होना चाहिए डॉ. कहते हैं कि कॉटन के वस्त्रों के प्रयोग करना चाहिए। शुद्धता को ध्यान में रखते हुए जीवन में खादी एवं ग्रामोद्योगी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए।


अशोक शरण न्यासी, सर्व सेवा संघ, सेवाग्राम, वर्धा ने प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के दिन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गांधी जी ने प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए पुणे में प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान की स्थापना की।
डॉ. आदर्श विन्द, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमारे शरीर के हर हिस्से में शैल होते जिस हिस्से के शैल कम हो जाते है उसी अंग में बीमारियां आ जाती हैं। हमें अपने खान पान को सुधारना होगा। हमें शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुसार जीवन शैली अपनानी होगी।
मनिंदर जीत कौर, राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य एवं संयोजक, आरोग्य भारती ने प्राकृतिक चिकित्सा को शास्त्रों से जोड़कर गीता के श्लोक से उदाहरण देकर बताया कि हमारा जीवन कैसा होना चाहिए। हमारे शरीर की इन्द्रियों के सामजस्य से ही हम अपने शरीर को पूर्ण रुप से स्वस्थ रख सकते हैं। योग-ध्यान हमारे स्वास्थ की पहली आवश्यकता है।
करनैल सिंह जी ने मुख्य अतिथि एवं वक्ताओं को उनके वक्तव्य के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। इसके अनुसार आप अपने स्वाथ्य की अच्छी तरह से देखभाल कर सकते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा जीवन जीने का सबसे सरल तरीका है। प्रकृति के साथ जुड़कर आप हर प्रकार से रोग मुक्त रह सकते हैं। केन्द्र प्रभारी  अजय कुमार ने सभी आए हुए अतिथियों का आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर साईकिलगीरी के सहयोग से प्रातः 7.00 साईकिल रैली का आयोजन किया गया। रैली में सहभागी प्रतिनिधियों ने साईकिल पर प्राकृतिक चिकित्सा सम्बन्धी स्लोगन की तख्तियां लगाई हुई थी जिससे समाज में प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार प्रसार को गति दी जा सके। साईकिल रैली में शामिल प्रतिनिधियों को गांधी स्मारक भवन मे अशोक कुमार शरण, न्यासी, सर्व सेवा संघ, सेवाग्राम, वर्धा ने प्राकृतिक चिकित्सा दिवस एवं प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज के समय में कैसे प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं और अन्य चिकित्सा पद्धतियों के कुछ साईड इफेक्ट होते हैं परन्तु प्राकृतिक चिकित्सा प्रकृति से जुड़कर सरलता से स्वयं को रोगों से मुक्त रख सकते हैं तत्पश्चात सभी प्रतिनिधियों को बधाई और शुभकामनाएं देकर साईकिल रैली को रवाना किया। रैली के निर्धारित रुट अनुसार गांधी स्मारक भवन से रोज गार्डन, हाई कोर्ट रोड से होते हुए सुखना लेक से वापस गांधी स्मारक भवन में समापन किया गया। सभी प्रतिभागियों ने गांधी स्मारक भवन स्थित गांधी संग्रहालय का भी अवलोकन किया।
इस अवसर पर रंजना, नीलम, ओम प्रकाश, संजय पटेल, सोनू, सोहन लाल, रमेश, एवं प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े विद्यार्थियों एवं गांधी स्मारक भवन मित्रों के साथ साथ शहर के प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।