नई दिल्ली,4नवंबर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले महादेव बेटिंग ऐप घोटाले को लेकर सियासत गरमा गई है. शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दावा किया कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटर्स ने अब तक राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को 508 करोड़ रुपए दिये हैं. मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत मामले की जांच कर रही ईडी ने असीम दास नाम के कैश कूरियर को पकड़ा, उसने बताया कि बड़ी रकम ‘बघेल’ नाम के राजनेता को दिए जाने का इंतजाम किया गया था. आरोपों का सामना कर रहे सीएम बघेल ने कहा कि भाजपा उनसे डरती है, इसलिए वह ईडी के जरिए उन्हें बदनाम कर रही है.
बघेल ने शनिवार को कहा, भाजपा उनसे सबसे ज्यादा डरी हुई है और यही वजह है कि वे उन पर आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करना चाहती हैं. मुख्यमंत्री ने आगे कहा, हिमंता बिसवा सरमा और अजित पवार पर भाजपा आरोप लगाती थी लेकिन जब वह उनकी पार्टी में आ गए तो सब मोदी वॉशिंग पाउडर से धुलकर साफ सुथरे हो गए. एक तरफ जहां ईडी की कार्रवाई में बघेल का नाम आने पर बीजेपी हमलावर हो गई तो वहीं कांग्रेस ने भी पलटवार कर ईडी-केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है.
कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल, संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने सिलसिलेवार आरोपों का जवाब दिया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम रमेश ने कहा, ये प्रतिशोध की राजनीति है, ये बिल्कुल साफ दुरुपयोग है. ये इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हार सुनिश्चित है. वहां सरकार का भरोसा बरकरार है, कांग्रेस की सरकार आ रही है, इसलिए चुनाव के आखिरी दिनों में ईडी का भरपूर दुरुपयोग किया जा रहा है.
जयराम ने दावा किया कि ऑनलाइन बेटिंग ऐप को केंद्र सरकार ने कानूनी दर्जा दिया है. सरकार ने इन ऐप पर 28 प्रतिशत जीएसटी भी लागू कर दिया और इसको कानूनी दर्जा दे दिया. ये गैरकानूनी नहीं है, इसे कानूनी बना दिया है. मंत्री ने आगे कहा, प्रधानमंत्री मोदी हमारी गारंटी की आलोचना करते थे. लेकिन कल बीजेपी ने जो घोषणा पत्र जारी किया है, वो सिर्फ नकलची घोषणा पत्र है. धान खरीदी मूल्य से लेकर सिलेंडर तक पर हमारी बात को दोहराया गया है.