नई दिल्ली, 2नवंबर। आज एकदिवसीय यात्रा पर वाराणसी आए उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने दीनदयाल हस्तकला संकुल, ट्रेड सेंटर में 51वें राष्ट्रीय कंपनी सचिव सम्मेलन को संबोधित किया। मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री धनखड़ ने कहा सचिव सम्मेलन के लिए काशी को चुना गया, यह एक महान उपलब्धि है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने काशी का काया पलट कर दिया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा धारा 370 की वजह से कश्मीर ने बहुत कुछ सहा है वह अस्थायी धारा धीरे-धीरे स्थायी बन गई थी जिसका खत्मा किया गया। उन्होंने कहा वर्षों से लंबित राम मंदिर का फैसला आया और उसका निर्माण चल रहा है और हमें इंतजार है जनवरी 2024 का जब उसका भव्य उद्घाटन होगा। उन्होंने देश की मजबूत आर्थिक स्थिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक वह समय था जब हमारी आर्थिक साख को बचाने के लिए देश का सोना विदेश में गिरवी रखना पड़ा था।
उपराष्ट्रपति ने कहा एक समय था जब एक दशक पहले भारत को दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं (fragile five) में गिना जाता था और वहां से लेकर 2022 तक हमने जो यात्रा तय की वह देखने लायक है। 2022 में वह गर्व का क्षण आया जब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनकर विश्व फलक पर उभरा और हमने इस यात्रा में ग्रेट ब्रिटेन, जिसने हम पर सैकड़ो वर्ष शासन किया और फ्रांस जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने कहा हमें कोई संदेह नहीं है कि इस दशक के अंत तक भारत जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा सत्ता के गलियारे जो पहले सत्ता के दलालों से भरे रहते थे नीतियों और निर्णयों को प्रभावित करते थे, देश को प्रभावित करते थे आज वह सब गायब हो गए हैं, कहीं दिखाई नहीं देते। सत्ता के गलियारों को दलालों से पूरी तरीके से मुक्त कर दिया गया है और अब शासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया गया है जिसने हमारी विकास यात्रा को गति दी है और भारत इस मुकाम तक पहुंचा है। दूसरी चीज जिसने भारत को इस बुलंदी पर पहुंचाया है वह है सरकार की जनहितकारी नीतियां और देश को आगे ले जाने वाली दूरदर्शी सोच। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो मूलभूत परिवर्तन देश में हो रहे हैं इस परिवर्तन में कंपनी सचिवों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ेगी और वे निभा रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि आप ऐसे ही शानदार प्रयास भविष्य में भी जारी रखेंगे आप शासन के कस्टोडियन हैं।
एक समय था जब हमारे उद्योग कठिन समय से गुजर रहे थे और किसी के पास कोई तरीका नहीं था कि कैसे वहां से बाहर निकला जाए, आज स्थिति एक दम अलग है। कभी किसी ने सोचा नहीं था कि हर घर में शौचालय होंगे और गैस कनेक्शंस होंगे, नल होंगे और नलों में जल होगा। इतने बड़े देश में और इतनी बड़ी जनसंख्या को यह सब उपलब्ध कराना एक चुनौती से कम नहीं था, लेकिन सरकार ने उसे हासिल किया। उपराष्ट्रपति ने युवाओं की प्रतिभा की प्रसंशा करते हुए कहा हम भारतीय जीनियस होते हैं और हम बहुत जल्दी सीखते हैं हमें कोई सिखाएं या ना सिखाएं हम सीख लेते हैं हर भारतीय में एक एकलव्य है।
आर्थिक राष्ट्रवाद के बारे में बात करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि ट्रेड बिजनेस और इंडस्ट्री को एक साथ आना पड़ेगा तो हमारे देश की अर्थव्यवस्था और तेजी से बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात में कहा था ‘वोकल फॉर लोकल’, अगर हम इस रास्ते पर चलते हैं तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य प्रदान करेंगे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने दुनिया की सबसे ज्यादा सुधारात्मक कर प्रणाली जीएसटी हमारे देश में लागू की और उसके अभूतपूर्व फायदे आज देश देख रहा है।
तकनीकी क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा हम क्वांटम कंप्यूटिंग की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं उन्होंने कहा ऐसे देश दुनिया में बहुत कम हैं जो इस दिशा में काम कर रहे हैं। इससे बहुत बड़ी मात्रा में रोजगार सृजन होगा। उन्होंने कहा हम 6G में लीड ले रहे हैं। ये बड़ी उपलब्धियां हैं हमें इन पर गर्व करना चाहिए।
किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि 110 मिलियन किसान साल में तीन बार अपने खातों में सीधे पैसा प्राप्त कर रहे हैं, इसमें महत्वपूर्ण यह नहीं है कि सरकार उन्हें पैसा भेज रही है, महत्वपूर्ण यह है कि हमारा किसान उस पैसे को सीधे अपने खाते में लेने में समर्थ बना है, तकनीकी सुधारों के कारण।
भारत आज तेजी से आगे बढ़ रहा है इतना तेज़ी से पहले कभी नहीं बढ़ा था और यह विकास यात्रा रुकने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की साख की प्रशंसा करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रेसिडेंट ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे उपयुक्त निवेश करने वाले देश के रुप में उभरा है। उपराष्ट्रपति ने बताया कि विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर मैं आश्चर्यचकित हूं, भारत ने जो 6 साल में किया है वह 47 वर्षों में भी नहीं किया जा सकता था।
देश में कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए श्री धनखड़ ने कहा आज कानून का राज है कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं हो सकता चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो। हम अमृत काल में हैं प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के कारण यह अमृत काल अब गौरव काल बन चुका है, आपने भारत के लिए दुनिया में इतना सम्मान पहले कभी नहीं देखा होगा जितना आज है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान आज विश्व स्तर पर जिस कद का है वैसा पहले कभी नहीं था आज जब भारत के प्रधानमंत्री बोलते हैं तो दुनिया उनको सुनती है। आज भारत दुनिया के लिए एजेंडा सेट करता है दुनिया ने देखा कैसे भारत ने पूरी दुनिया को योग दिया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, श्रीमती आनंदीबेन पटेल, राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री रविन्द्र जायसवाल, संस्थान के सचिव डा. मनोज गोयल, संस्थान के निदेशक श्री मनीष गुप्ता, प्रेसिडेंट श्री आशीष मोहन, सेक्रेटरी श्री धनंजय शुक्ला, प्रोग्राम डायरेक्टर, श्री सुनील गुप्ता माननीय उपराष्ट्रपति के सचिव, बड़ी संख्या में कंपनी सचिव व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
तत्पश्चात श्री धनखड़ काशी विश्वनाथ मंदिर गए और वहां दर्शन और पूजा अर्चना की तथा देश की खुशहाली के लिए कामना की।