तिरुवनंतपुरम, 26अक्टूबर। केरल सरकार ने बुधवार को कहा कि आईसीएमआर ने उन्हें राज्य के वायनाड जिले में चमगादड़ों में निपाह वायरस की मौजूदगी के बारे में सूचित किया है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने उसके द्वारा एकत्र किए गए चमगादड़ों के नमूनों के अध्ययन के आधार पर यह जानकारी दी.
स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज राज्य में निपाह प्रकोप की वर्तमान स्थिति के बारे में पत्रकारों से बात कर रही थीं. उन्होंने यह भी कहा कि निपाह से मृत्यु दर लगभग 70-90 प्रतिशत है, लेकिन राज्य सरकार इसे 33 प्रतिशत तक सीमित करने में सक्षम है जो गर्व की बात है.
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, आईसीएमआर ने कहा है कि उसे वायनाड में चमगादड़ों में वायरस की मौजूदगी मिली है. यह वहां के पारिस्थितिकी तंत्र की निरंतरता है. इस साल निपाह वायरस का प्रकोप कोझिकोड जिले में हुआ, जो वायनाड का पड़ोसी जिला है. वायरस से छह लोग संक्रमित हुए जिनमें से दो की मौत हो गई. जॉर्ज ने कहा कि जनता को डरने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि जानकारी केवल जागरुकता पैदा करने और लोगों को सजग और सतर्क करने के लिए दी जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वायरस के संबंध में स्वास्थ्य देखभाल गतिविधियों का समन्वय किया जा रहा है और निपाह संक्रमण के संदिग्ध मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा पेशेवरों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि निपाह वायरस का संक्रमण पूरे भारत में कहीं भी संभव है, चूंकि वायनाड में चमगादड़ों में इसका पता चला है, इसलिए उन्होंने हमें सूचित किया और हम निवारक उपायों को पुख्ता कर रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है. इसका उद्देश्य केवल जागरुकता पैदा करना है. जॉर्ज राज्य में निपाह प्रकोप की वर्तमान स्थिति के बारे में पत्रकारों से बात कर रही थीं. उन्होंने यह भी कहा कि निपाह से मृत्यु दर लगभग 70-90 प्रतिशत है, लेकिन राज्य सरकार इसे 33 प्रतिशत तक सीमित करने में सक्षम है जो गर्व की बात है.