पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर सिफर मामले में आरोप तय, शाह महमूद कुरैशी पर भी चलेगा केस
नई दिल्ली, 23अक्टूबर। पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने देश के गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने से जुड़े कथित सिफर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर सोमवार को आरोप तय किए गए . इमरान (71) को पिछले साल मार्च में वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (सिफर) को लीक करके आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज होने के बाद इस वर्ष अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. इमरान के साथ पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पर भी मामले में आरोप लगाए गए. इमरान ने उक्त दस्तावेज का इस्तेमाल यह बताने के लिए किया था कि उनकी सरकार एक विदेशी साजिश के परिणामस्वरूप गिरा दी गई थी.
विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने रावलपिंडी की अडियाला जेल में मामले की सुनवाई की. ‘जियो न्यूज’ की खबर के मुताबिक, इमरान और कुरैशी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए खुद को निर्दोष बताया है. आरोप तय किए जाने के बाद विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई 27 अक्टूबर तक के लिए टाल दी, जब वह औपचारिक रूप से सुनवाई शुरू करेगी. इससे पहले पिछले हफ्ते मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने इस टिप्पणी के साथ सुनवाई 23 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी कि अगली तारीख पर इमरान और कुरेशी पर आरोप तय किए जाएंगे. अदालत पहले 17 अक्टूबर को इमरान पर आरोप तय करने वाली थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री के वकीलों की इस आपत्ति के बाद प्रक्रिया में देरी हुई कि उन्हें आरोपपत्र की प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं.
इमरान पांच अगस्त को तोशाखाना मामले में लाहौर से गिरफ्तार किए जाने और 29 अगस्त को जमानत मिलने के बावजूद सिफर मामले की वजह से जेल में बंद हैं. पिछले साल अप्रैल में अपदस्थ होने के बाद उनके खिलाफ 150 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं.
बता दें कि सिफ़र मामला एक राजनयिक दस्तावेज़ से संबंधित है जो कथित तौर पर इमरान के पास से गायब हो गया था. इमरान खान की पार्टी पीटीआई का आरोप है कि दस्तावेज़ में संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से इमरान को पद से हटाने की धमकी दी गई थी.