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कोर्ट ने ज़ोमैटो और मैकडॉनल्ड्स पर ठोंका एक लाख का जुर्माना, जानें क्या है मामला

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नई दिल्ली, 14अक्टूबर। ऑनलाइन फ़ूड ऑर्डर करना आज आम बात है. बड़े पैमाने पर ऑर्डर होते हैं और कंपनियों का इसके जरिये करोड़ों रुपए का कारोबार है, लेकिन इस मामले में जोमैटो और मैकडॉनल्ड्स को एक गलती भारी पड़ गई. ग्राहक ने ऑनलाइन वेज खाना मंगाया, लेकिन गलती से शख्स को नॉनवेज खाना डिलीवर हो गया. इसके शख्स भड़क गया. मामला अदालत पहुँच गया, इसके बाद अदालत ने Zomatoऔर McDonald’s पर एक लाख रुपये का जुरमाना ठोंका गया.

मामला राजस्थान के जोधपुर का है. ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने की सुविधा देने वाला मंच जोमैटो और रेस्तरां भागीदार मैकडॉनल्ड्स पर शाकाहारी भोजन की जगह मांसाहारी भोजन की कथित गलत डिलिवरी के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जोधपुर के जिला उपभोक्ता विवाद निपटान मंच ने दोनों पर यह जुर्माना लगाया. जोमैटो ने शुक्रवार को शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि कंपनी आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगी.

कंपनी ने बताया कि जिला उपभोक्ता विवाद निपटान मंच (द्वितीय) जोधपुर ने जोमैटो और रेस्तरां भागीदार मैकडॉनल्ड्स पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन को लेकर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही मुकदमे की लागत के रूप में 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. मैकडॉनल्ड्स के जरिए इस ऑर्डर की डिलिवरी की गयी थी. उपभोक्ता अदालत ने कहा कि मौद्रिक जुर्माना और मुकदमे की लागत जोमैटो और मैकडॉनल्ड्स को संयुक्त रूप से अदा करना है. जोमैटो ने कहा कि वह वकीलों की सलाह पर आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया में है.

कंपनी ने कहा, ‘‘मौजूदा मामला शाकाहारी खाना के स्थान पर मांसाहारी भोजन की कथित रूप से गलत डिलीवरी से संबंधित है.’’ जोमैटो के अनुसार ग्राहकों और कंपनी के बीच संबंधों को तय करने वाली जो सेवा शर्तें हैं, उसमें साफ है कि वह (जोमैटो) केवल खाने के सामान की बिक्री के लिए एक सुविधा प्रदान करने वाला मंच है. सेवा में किसी भी कमी, ऑर्डर की गलत डिलीवरी और गुणवत्ता के लिए रेस्तरां भागीदार जिम्मेदार है.