नई दिल्ली, 12अक्टूबर। बाटला हाउस मामले में दोषी ठहराए गए आरिज खान को फांसी नहीं होगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने आरिज खान की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने फैसला सुनाया है. दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में हुए एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. इस मामले में निचली अदालत ने गिरफ्तार आरिज खान दोषी ठहराया था. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई और अब आज इस पर फैसले का दिन है.
आरिज खान निचली अदालत से दोषी साबित हो चुका है. खान ने निजली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. निचली अदालत ने अपने फैसले में आरिज खान के अपराध को ‘दुर्लभतम श्रेणी’ बताया था. निचली अदालत ने कहा था कि ऐसे अपराध के लिए अधिकतम सजा का प्रावधान है और इसीलिए आरिज खान को फांसी पर लटकाया जाए.
15 मार्च 2021 को आरिज खान उर्फ जुनैद को को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगस्त में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब इस मामले में आज फैसले की घड़ी है और सभी को विशेष रूप से शहीद मोहन चंद शर्मा के परिवारजनों को हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है.
क्या था बाटला एनकाउंटर?
19 सितंबर 2008 को ओखला क्षेत्र में जामिया नगर के बाटला हाउस इलाके में यह एनकाउंटर हुआ था. इस इनकाउंटर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंजाम दिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के जवान इंडियन मुजाहिद्दीन नाम के आंतकवादी संगठन के आतंकवादियों को गिरफ्तार करने के लिए पहुंचे थे. जो उस समय जामिया नगर के बाटला हाउस इलाके में छिपे हुए थे.
जब दिल्ली पुलिस ने बाटला हाउस के उस घर में दस्तक दी, जहां आतंकवादी छिपे हुए थे तो एनकाउंटर शुरू हो गया. इस एनकाउंटर में दो आतंकवादी मारे गए और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा भी शहीद हो गए. अन्य आतंकवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
क्यों हुआ बाटला हाउस एनकाउंटर
दरअसल 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में पांच जगहों पर धमाके हुए. इन सीरियल ब्लास्ट में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इन धमाकों से जुड़े आतंकवादियों के संबंध में खुफिया जानकारी मिलने पर दिल्ली पुलिस ने बाटला हाउस में रेड की थी. इंडियन मुजाहिद्दीन का प्रमुख आतंकवादी आतिफ अमीन साल 2009 में जामा मस्जिद के गेट के पास हुए एनकाउंटर में मारा गया, जिससे आतंकवादी संगठन को भारी नुकसान हुआ. क्योंकि आतिफ अमीन 2008 के दिल्ली सीरियल ब्लास्ट, अहमदाबाद, जयपुर, सूरत और फैजाबाद में हुई आतंकी घटनाओं में सामिल रहा था.