भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से बोले उपराष्ट्रपति धनखड़- प्रेरक, प्रेरणादायक और परिवर्तन के केंद्र बनें
उपराष्ट्रपति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2021 बैच के अधिकारियों को किया संबोधित
नई दिल्ली,5अक्टूबर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने युवा सिविल सेवकों से अपनी भूमिकाओं के निष्पादन में विनम्रता, सद्गुण और खुलेपन के माध्यम से अपने आचरण का अनुकरण करने का आह्वान किया। इस बात पर बल देते हुए कि समाज पर उनकी छाप अमिट होगी, उपराष्ट्रपति ने उनसे “प्रेरक, प्रेरणादायक और परिवर्तन का केंद्र” बनने का आग्रह किया क्योंकि नागरिक उन्हें आदर्श व्यक्तित्व के रूप में देखेंगे।
उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति निवास में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2021 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि वे ऐसे समय में लोक सेवा में प्रवेश कर रहे हैं जब देश में बड़े बदलाव लाने वाले परिवर्तन हो रहे हैं। राष्ट्रीय प्रगति के लिए महत्वपूर्ण मानव संसाधन के रूप में सिविल सेवकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बल देकर कहा कि अमृत काल में उनका योगदान बड़ा परिवर्तनकारी साबित होगा।
अधिकारियों को “भारत@2047 के पैदल सैनिक” के रूप में संदर्भित करते हुए, उन्होंने बल देकर कहा कि शासन को चलाने और निर्णय लेने में भाग लेकर, वे बड़े वैश्विक कल्याण के लिए अपनी मातृभूमि की सेवा करेंगे।
उपराष्ट्रपति ने यह उल्लेख करते हुए कहा कि एक समय था जब भ्रष्टाचार आम बात थी। उपराष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि “सत्ता के गलियारों को सत्ता के दलालों से मुक्त कर दिया गया है।” उन्होंने रेखांकित करते हुए कहा कि आज अधिकारियों के पास एक ऐसा इकोसिस्टम है जहां कानून का शासन, जवाबदेही और पारदर्शिता मार्गदर्शक सिद्धांत हैं, जो उन्हें व्यापक सार्वजनिक हित के लिए प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम बनाएगा।
कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति के सचिव, सुनील कुमार गुप्ता, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की सचिव, एस. राधा चौहान, अतिरिक्त सचिव, राहुल सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।