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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह 26 सितंबर, 2023 को “ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के सामाजिक लेखा परीक्षा” पर दूसरे राष्ट्रीय सेमिनार को करेंगे संबोधित

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नई दिल्ली, 23सितंबर। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह 26 सितंबर 2023 को डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में “ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के सामाजिक लेखा परीक्षा” पर दूसरे राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करेंगे। इस राष्ट्रीय सेमिनार का विषय “पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दृष्टि से सामाजिक लेखापरीक्षा की पुनः समीक्षा करना” है।

`इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय ग्रामीण विकास और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव शैलेश कुमार सिंह, संयुक्त सचिव (महात्मा गांधी नरेगा) अमित कटारिया और मंत्रालय के अधिकारी, सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

सेमिनार में भाग लेने वाले विशेषज्ञों और अधिकारियों को सामाजिक लेखा परीक्षा के संबंध में अपने अनुभव साझा करने के लिए राज्यों से आमंत्रित किया गया है। इस सेमिनार में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सामाजिक लेखापरीक्षा यूनिट के निदेशक राज्य की सामाजिक लेखापरीक्षा टीम के एसआरपी (राज्य संसाधन व्यक्ति), डीआरपी (जिला संसाधन व्यक्ति) और बीआरपी (ब्लॉक संसाधन व्यक्ति) के साथ भाग लेंगे। उनकी जानकारियां चर्चाओं को काफी समृद्ध करेगी, और जमीनी स्‍तर पर अपनाई गई सर्वोत्तम कार्यप्रणालियां दूसरों के अनुसरण के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकती हैं।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (महात्मा गांधी नरेगा) ग्राम सभा को सभी कार्यों और व्ययों का नियमित सामाजिक लेखा परीक्षण करने का अधिकार देता है। इसमें स्वतंत्र सामाजिक लेखापरीक्षा यूनिटों के माध्यम से सामाजिक लेखापरीक्षा की सुविधा, सभी रिकॉर्ड तक ऑफलाइन व ऑनलाइन के माध्‍यम से पूर्ण पहुंच, और दीवार लेखन के माध्यम से सक्रिय प्रकटीकरण शामिल है। महात्मा गांधी नरेगा ग्राम पंचायत में शुरू की गई सभी परियोजनाओं की ग्रामसभा द्वारा सामाजिक लेखापरीक्षा को अनिवार्य करने वाला पहला अधिनियम था। तब से ही इसे कई अन्य योजनाओं में अनिवार्य कर दिया गया है।

केंद्र सरकार ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएंडएजी) के परामर्श से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनाओं के लेखा परीक्षा नियम, 2011 को अधिसूचित किया, जिसमें राज्यों/केंद्र-शासित प्रदशों में सामाजिक लेखा परीक्षण करने की पद्धति और सिद्धांत निर्धारित किए गए हैं। अब तक, 28 राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों ने सामाजिक लेखा परीक्षा यूनिट स्थापित की हैं। एसएयू को राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर आवश्यक कोर स्टाफ की भर्ती और प्रशिक्षण के लिए लगातार प्रोत्‍साहित किया जा रहा है।

13-14 नवंबर, 2019 में आयोजित पहले सफल राष्ट्रीय सेमिनार के बाद; सामाजिक लेखापरीक्षा का विस्तार ग्रामीण विकास विभाग द्वारा चलाई जाने वाली अन्य प्रमुख योजनाओं तक किया गया। राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में सामाजिक लेखापरीक्षा के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा करना और पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाने के दृष्टिकोण से सामाजिक लेखापरीक्षा की फिर से समीक्षा करने के लिए एक रोडमैप पर काम किया जा रहा है। इस संबंध में 26 सितंबर को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दूसरे राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है।