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“विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित के साथ पीएम मोदी की अमेरिका की बेहद सफल यात्रा जी20 घोषणा के लिए एक उपयुक्त अग्रदूत थी”: डॉ. जितेंद्र सिंह

वैज्ञानिक समुदाय ने जी20 में भारत की तकनीकी श्रेष्ठता के सफल प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की, की सराहना

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नई दिल्ली,14 सिंतबर।वैज्ञानिक समुदाय ने भारत की तकनीकी श्रेष्ठता के सफल जी20 प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की है।

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में विभिन्न विज्ञान मंत्रालयों एवं विभागों के सचिवों की संयुक्त बैठक में ध्वनि मत से एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में “उच्च रूप से प्रौद्योगिकी संचालित” जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली घोषणा और ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (जीबीए) की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी गई।

विज्ञान सचिवों की आवधिक बैठक में सरकार के सभी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निकायों के प्रमुख शामिल थे। बैठक में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, पृथ्वी विज्ञान, अंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग सहित अन्य विभागों का प्रतिनिधित्व रहा। बैठक में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद भी उपस्थित थे।

विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रचार और सहयोग के लिए नई दिल्ली घोषणा की सराहना की गई। जी20 शिखर सम्मेलन में अपनाई गई घोषणा में भारत की ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट मिशन’ (लाइफ) की पहल को लागू करने और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई गई। ‘हरित विकास संधि’ को अपनाकर जी20 ने सतत और हरित विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं की भी पुष्टि की है।

विज्ञान सचिवों की बैठक में चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग और आदित्य-एल1 सौर मिशन के प्रक्षेपण के लिए भी इसरो की सराहना की गई।

जी20 शिखर सम्मेलन ने ग्लोबल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर रिपॉजिटरी (जीडीपीआईआर) बनाने जाने और बरकरार रखने की भारत की योजना का समर्थन किया और डब्ल्यूएचओ-प्रबंधित ढांचे के भीतर डिजिटल हेल्थ (जीआईडीएच) पर वैश्विक पहल की स्थापना का स्वागत किया।

जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर सिंगापुर, बांग्लादेश, इटली, अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना, मॉरीशस और यूएई के नेताओं द्वारा वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) का शुभारंभ एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। जीबीए का लक्ष्य एक उत्प्रेरक मंच के रूप में काम करना है, जो जैव ईंधन की उन्नति और व्यापक रूप से अपनाने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देता है।

बैठक को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर ध्यान देने के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बेहद सफल अमेरिका यात्रा जी20 घोषणा के लिए एक उपयुक्त अग्रदूत थी।

प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान, भारत “आर्टेमिस समझौते” का हस्ताक्षरकर्ता बना और भारत और अमेरिका ने 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए संयुक्त भारत-अमेरिका मिशन की घोषणा की। इसके अलावा, माइक्रोन ने 800 मिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की।

अपने संबोधन में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने रेखांकित किया कि जी20 नई दिल्ली घोषणापत्र में 12 से अधिक बार “डेटा” शब्द का उल्लेख किया गया है।

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन को सफलता से पारित किए जाने पर भी बधाई दी गई।

संसद के पिछले मानसून सत्र के दौरान पारित एक अधिनियम द्वारा स्थापित ‘अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ (एनआरएफ) का उद्देश्य अनुसंधान और शिक्षाविदों में संसाधनों का समान वित्तपोषण और लोकतंत्रीकरण करना है। पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये के आवंटन का 70 प्रतिशत तक, यानी 36,000 करोड़ रुपये, गैर-सरकारी क्षेत्र से आएगा।

मंत्री को अनुसंधान कार्यान्वयन समिति की प्रगति के बारे में बताया गया और नियम और विनियम तैयार करने का कार्य चलने के संबंध में सूचित किया गया। विज्ञान गति मंच को भी एनआरएफ के तहत लागू किया जाएगा।

बैठक में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान मेला, आईआईएसएफ 2023 की समय-सारिणी पर भी विचार-विमर्श किया गया।