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‘I.N.D.I.A.’ का गठन सोनिया-राहुल की सोची समझी रणनीति का हिस्सा- भाजपा

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नई दिल्ली, 13सितंबर। बीजेपी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म पर हमला विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A.) का गुप्त एजेंडा है. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इस मुद्दे पर विपक्ष को घेरने की पार्टी की रणनीति की कमान संभालते हुए आरोप लगाया कि I.N.D.I.A गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म के विरोध में किया गया है और यह कांग्रेस और उसके पूर्व अध्यक्षों सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है.

भाजपा ने विपक्षी गठबंधन पर हमला करने के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री के पोनमुंडी के उस बयान को आधार बनाया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि ‘इंडिया’ का गठन ‘सनातनी विचारधारा के विरोध में’ किया गया है.
नड्डा ने ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, आईएनडीआई गठबंधन की मुम्बई बैठक के दो दिन बाद उदयनिधि स्टालिन का बयान आना, फिर प्रियांक खरगे का सनातन पर आघात और आज द्रमुक के मंत्री द्वारा ये स्वीकार करना कि आईएनडीआई गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म के विरोध में किया गया था, यह सोनिया गांधी, राहुल और कांग्रेस की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है.

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस और आईएनडीआई गठबंधन को इस बयान पर अपना मत स्पष्ट करना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि क्या संविधान में किसी धर्म के बारे में आपत्तिजनक बयान देने का अधिकार है? उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या विपक्षी गठबंधन के लोगों को संविधान के प्रावधानों की जानकारी नहीं है? भाजपा अध्यक्ष ने कहा, आईएनडीआई गठबंधन, कांग्रेस, सोनिया और राहुल बताएं कि मोहब्बत की दुकान के नाम पर सनातन धर्म के खिलाफ नफरत का सामान क्यों बेचा जा रहा है? यह नफरत का मेगा मॉल सिर्फ सत्ता के लिए है- बांटो और राज करो.सनातन धर्म का विरोध करना संगठन का एजेंडा है: रविशंकर प्रसाद
प्रसाद ने द्रमुक के एक नेता की उस हालिया टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म का विरोध करना संगठन का एजेंडा है. इस बारे में प्रसाद ने कहा कि तमिलनाडु के नेता ने जो कहा, वह विपक्षी गठबंधन के बारे में सही ही है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, भाजपा इस गठबंधन से एक स्पष्ट प्रस्ताव लाने का आग्रह करेगी कि वह इससे खुद को (द्रमुक की आलोचना से) पूरी तरह अलग करता है और यह उनका एजेंडा नहीं है.