हिंदू या जैन धर्म को मानने वाले छात्र छात्राओं को हिजाब या संबंधित परंपरा को मानने के लिए मजबूर न किया जाए : हाईकोर्ट
भोपाल, 31अगस्त। मध्य प्रदेश के दमोह हिजाब कांड के आरोपियों को हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। आरोपियों की रिहाई के लिए हाईकोर्ट ने शर्तें तय करते हुए कहा है कि अब स्कूल में किसी भी छात्र को कलावा-तिलक देखकर रोका नहीं जाएगा। स्कूल में किसी तरह की धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी। यहां केवल मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड की ही पुस्तकें पढाई जाएंगी।
मामला दमोह के गंगा जमना स्कूल का है। इस मामले में आरोपियों की जमानत पर सुनवाई मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की एकल पीठ में हुई। हाईकोर्ट ने आरोपी कर्मचारियों को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है। इसमें आरोपी प्राचार्य अस्फ़ा शेख, शिक्षक अनस, अथर और भृत्य रुस्तम अली को शर्तों के साथ पाबंद किया है। इन्हें अल्टीमेटम दिया है कि ये लोग अपने जुर्म को फिर नहीं दोहराएंगे।
हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि स्कूल में अब किसी भी गैर इस्लामिक छात्र को धर्म विशेष की शिक्षा के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा और न ही किसी हिंदू या जैन धर्म को मानने वाले छात्र छात्राओं को हिजाब या संबंधित परंपरा को मानने के लिए मजबूर किया जाएगा। हाईकोर्ट ने आरोपियों को चेतावनी दी कि अगर स्कूल प्रबंधन दोबारा ऐसा करता है तो जमानत रद्द करने के साथ स्कूल की मान्यता भी रद्द की जाएगी।