नई दिल्ली, 30अगस्त। भारत सरकार और न्यूजीलैंड सरकार ने नागर विमानन में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें नए मार्गों का शेड्यूलिंग, कोड शेयर सेवाएं, यातायात अधिकार और क्षमता पात्रता शामिल होगी।
इस समझौता ज्ञापन पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल और न्यूजीलैंड के उच्चायुक्त डेविड पाइन ने नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और व्यापार तथा न्यूजीलैंड के व्यापार एवं निर्यात विकास, कृषि, जैव सुरक्षा, भूमि सूचना और ग्रामीण समुदाय मंत्री डेमियन ओ’ कुन्नूर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
1 मई, 2016 को ऑकलैंड में न्यूजीलैंड और भारत के बीच एक हवाई सेवा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। न्यूजीलैंड सरकार और भारत सरकार ने दोनों देशों के बीच विमान सेवा से संबंधित विद्यमान व्यवस्थाओं की समीक्षा की है। हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच नागर विमानन में द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
समझौता ज्ञापन के अनुसार, न्यूजीलैंड की निर्धारित एयरलाइन (एयरलाइन्स) भारत में छह बिंदुओं, अर्थात् नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता से तीसरे और चौथे फ्रीडम ट्रैफिक अधिकारों के साथ किसी भी प्रकार के विमान के साथ कितनी भी सेवाएं संचालित कर सकती हैं।
इस अवसर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच नागर विमानन हवाई सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण दिन है। हमने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसने हमारे दोनों देशों के बीच हवाई परिवहन को आगे बढ़ाने की संभावनाओं को खोल दिया है। मुक्त आकाश नीति लागू की गई है। कॉल की संख्या बढ़ा दी गई है। हमने मध्यवर्ती अंक भी बढ़ाए हैं।
भारत की निर्धारित एयरलाइन ऑकलैंड, वेलिंगटन, क्राइस्टचर्च और न्यूजीलैंड में तीन और स्थानों से तीसरे और चौथे फ्रीडम ट्रैफिक अधिकारों के साथ किसी भी प्रकार के विमान के साथ कितनी भी सेवाएं संचालित कर सकती हैं, जिन्हें भारत गणराज्य की सरकार द्वारा नामित किया जाएगा।
दोनों पक्षों की निर्धारित एयरलाइनें किसी भी प्रकार के विमान के साथ किसी भी प्रकार की सभी कार्गो सेवाओं का संचालन कर सकती हैं, जिसमें किसी भी मध्यवर्ती बिंदु के माध्यम से और मार्ग अनुसूची में निर्दिष्ट बिंदुओं की परवाह किए बिना किसी भी बिंदु (बिंदुओं) से किसी भी बिंदु तक दूसरे पक्ष के क्षेत्र में तीसरे, चौथे और पांचवें फ्रीडम ट्रैफिक अधिकार हैं।