चंद्रयान-3 ने लैंडर खतरे की खोज और बचाव कैमरा की मदद से चांद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र की पहचान करने की शुरू की प्रक्रिया
नई दिल्ली, 21अगस्त। चंद्रयान-3 ने अपने लैंडर खतरे की खोज और बचाव कैमरा-एलएचडीएसी की मदद से चांद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसरो ने आज एलएचडीएसी द्वारा लिए गए चंद्रमा के दूरस्थ क्षेत्र की तस्वीरें जारी कीं। ये तस्वीरें पत्थरों या गहरी खाईयों से मुक्त सुरक्षित क्षेत्र का पता लगाने में मदद करेंगी। इस विशेष उपकरण को अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष एप्लीकेशन सेंटर-एसएसी ने विकसित किया है। एसएसी इसरो का एक प्रमुख अनुसंधान और विकास केंद्र है।
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार रोवर के साथ लैंडर मॉड्यूल के बुधवार 23 अगस्त को लगभग शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह पर उतरने की संभावना है। चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई को लांच किया गया था। यह चंद्रयान-2 मिशन का अनुवर्ति अभियान है। इसका उद्देश्य चांद की सतह पर रोविंग और सुरक्षित लैंडिंग में त्रुटिहीन दक्षता प्रदर्शित करना है।