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हर घर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए हमने जल जीवन मिशन के तहत दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं: प्रधानमंत्री

25 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से जल जीवन मिशन के 'विशेष अतिथि' लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में हुए शामिल

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नई दिल्ली ,16अगस्त। एक गौरवान्वित राष्ट्र देशभक्ति के उत्साह के साथ अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। देश भर से आमंत्रित ‘विशेष अतिथि’ लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐतिहासिक संबोधन के साक्षी बने। ये विशेष अतिथि एक लघु भारत की जीवंत तस्वीर पेश कर रहे थे। इन विशेष अतिथियों में 25 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से ‘जल जीवन मिशन’ के जमीनी स्तर के कार्यान्वयनकर्ता शामिल थे, जो ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं। समाज के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे सरपंच, प्लंबर, पंप ऑपरेटर, जल मीटर रीडर और ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति से जुड़े ये अतिथि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आए थे। केंद्र सरकार की इस पहल का उद्देश्य ‘जनभागीदारी’ के प्रयासों को रेखांकित करना और सच्चे लोकतांत्रिक तरीके से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए ‘आम आदमी’ के प्रति आभार व्यक्त करना है।

लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में बहुमूल्य जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना के बारे में चर्चा की। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में सुरक्षित पेयजल आपूर्ति की सुविधा हो। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया, जो यह सुनिश्चित करने पर जोर देता है कि शुद्ध पेयजल प्रत्येक देशवासी तक पहुंचे और पर्यावरण की रक्षा के लिए जल के प्रति संवेदनशील प्रणाली विकसित की जाए।” प्रधानमंत्री ने कहा, “हर घर तक शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।” पेयजल क्षेत्र में दुनिया के किसी भी देश द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा निवेश है और यह स्वास्थ्य, रोजगार और तथा बालिकाओं की शिक्षा सहित अनेक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के साथ लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

आज जल जीवन मिशन की चौथी वर्षगांठ भी है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2019 को की थी। उस समय केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से पेयजल की आपूर्ति की जाती थी। स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की अपनी 4 साल की लंबी यात्रा में, मिशन ने देश के दो तिहाई ग्रामीण परिवारों के कठिन परिश्रम को कम कर दिया है, क्योंकि 12.83 करोड़ (66.73 प्रतिशत) परिवारों को अब पीने योग्य नल का पानी उपलब्ध है।

जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विशेष अतिथियों को सम्मानित किया और उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किए। अतिथियों को संबोधित करते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “पानी का महत्व आप सभी जानते हैं। जल के अभाव में जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले तक जल क्षेत्र को किसी ने उचित महत्व नहीं दिया था और एक विषय के रूप में जल कई मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल क्षेत्र के महत्व को देखते हुए एक एकीकृत जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया, जहां हमने जल से संबंधित सभी विषयों पर एकीकृत दृष्टिकोण के साथ काम करना शुरू किया।‘

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि हर ग्रामीण घर में नल से जलआपूर्ति की सुविधा देकर ग्रामीण भारत में महिलाओं की सदियों पुरानी कड़ी मेहनत करने की प्रथा को खत्म किया जा सकता है। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी मार्गदर्शन में, हमने अब तक 12.83 करोड़ से अधिक नल कनेक्शन प्रदान किए हैं और देश अब संपूर्ण स्वच्छता की ओर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश ने 2 अक्टूबर, 2019 को अपने को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया है। अब ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के साथ ओडीएफ प्लस बनने का लक्ष्य रखा गया है। 60 प्रतिशत गांव पहले ही ओडीएफ प्लस बन चुके हैं। ‘हर घर जल’ के स्वयंसेवकों तथा ग्राम जल और स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) के सदस्यों को आमंत्रित किया गया था जो इन मिशनों के महत्व और देश के ग्रामीण परिदृश्य में इससे होने वाले बदलाव को दर्शाता है।’

केन्द्रीय जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सरकार, विकास भागीदारों, नागरिक समाज और समुदाय द्वारा किए गए सहयोगात्मक प्रयासों की चर्चा की। इस प्रयासों से प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से पेयजल आपूर्ति के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिली है। प्रहलाद पटेल ने कहा, “जल जीवन मिशन यह सुनिश्चित करता है कि निर्धारित गुणवत्ता का पानी, पर्याप्त मात्रा में, हर ग्रामीण घर तक पहुंचे और ‘कोई भी पीछे न छूट जाए’। पेयजल आपूर्ति की सुविधा से महिलाओं के समय की बचत हुई है जिसका उपयोग वे बच्चों को पढ़ाने, खेत में काम करने, सब्जियां उगाने, पशुओं की देखभाल करने, बकरी पालन करने आदि में कर रही हैं। वे परिवार की आय में अपना योगदान दे रही हैं।”

पेयजल और स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन ने कहा, “ मेरे लिए यह बहुत खुशी और गर्व की बात है कि मैं उन अतिथियों का स्वागत कर रही हूं, जिन्होंने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए लंबी दूरी की यात्राएं की हैं। प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सम्मान से हमारे ऊपर यह जिम्मेदारी आती है कि हम यह सुनिश्चित करें कि आपूर्ति किए जाने वाले पानी की शुद्धता की जांच के लिए बार-बार परीक्षण किया जाए और पानी का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग किया जाए। तेज गति और बड़े पैमाने पर काम करते हुए, मिशन ने आज यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी राज्य में कवरेज एक तिहाई से कम न हो। ग्रामीण भारत में प्रत्येक सेकंड पर एक नल कनेक्शन दिया जा रहा है।

जल जीवन मिशन के अपर सचिव और मिशन निदेशक विकास शील ने कुशल जल प्रबंधन के लिए 5 आर – अस्वीकार करना, उपयोग कम करना, पुन: उपयोग करना, अन्य उपयोग के लिए इस्तेमाल करना और पुनर्चक्रण करना (रिफ्यूज, रिड्यूस, रियूज, रिपर्पस और रिसाइकिल) के महत्व के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने और स्थाई तौर-तरीकों को लागू करने के अवसरों की पहचान करना महत्वपूर्ण है।”

जल जीवन मिशन के निदेशक वाई.के. सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि विशेष अतिथियों की उपस्थिति उस भावना का प्रमाण है, जो जल जीवन मिशन के सार का निर्माण करती है।