नई दिल्ली, 4अगस्त। लोकसभा ने आज हंगामे के बीच अंतर-सेवा संगठन विधेयक, 2023 पारित कर दिया है। यह विधेयक अंतर-सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड को उनकी सेवा के बावजूद, कमान के तहत सेवा कर्मियों पर अनुशासनात्मक तथा प्रशासनिक नियंत्रण रखने के उद्देश्य से सशक्त बनाने के लिए है। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, केंद्र सरकार एक अंतर-सेवा संगठन का गठन कर सकती है, जिसमें तीनों सेनाओं में से कम से कम दो कर्मी उपस्थित हों।
विधेयक को रखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार सशस्त्र बलों को बेहतर बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही है और यह कानून बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि विधेयक सशस्त्र बलों में एकीकरण और संयुक्तता को बढ़ावा देगा तथा इससे अंतर-सेवा संगठनों में अनुशासन बेहतर होगा। लोकसभा ने आज हंगामे के बीच भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2023 को पारित कर दिया। इस विधेयक के माध्यम से भारतीय प्रबंधन संस्थान अधिनियम, 2017 में और संशोधन किए जाएंगे। विधेयक के अनुसार भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया जा रहा है और साथ ही यह राष्ट्रपति को अधिनियम के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक संस्थान के विजिटर के रूप में नामित करता है।
विधेयक को रखते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार का आईआईएम की अकादमिक स्वायत्तता में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक प्रबंधन की जवाबदेही तय करने के लिए लाया गया है। भाजपा के जगदंबिका पाल और वाईएसआरसीपी के कृष्ण देवरायलु लावु ने विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा में भाग लिया। चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने हमेशा से सशस्त्र बलों और देश के सुरक्षा तंत्र की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा किया है। बहुजन समाज पार्टी के रितेश पांडे ने भी विधेयक पर अपने विचार रखे।