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मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के बाद लोकसभा 2:30 और राज्य सभा 3 बजे तक स्थगित

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नई दिल्ली, 24 जुलाई। संसद के दोनों सदनों में आज लगातार तीसरे दिन मणिपुर हिंसा मुद्दे पर विपक्षी दलों का विरोध जारी रहा। दोनों सदनों की कार्रवाई बार-बार स्‍थगित होती रही। लोकसभा में दूसरे स्‍थगन के बाद दिन में 2 बजे जब कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस, डी.एम.के. और जनता दल यूनाइटेड सहित विपक्षी दल अध्‍यक्ष के आसन के पास पहुंच गए और पोस्‍टर लहराते हुए नारे लगाने लगे। वे मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के बयान की मांग कर रहे थे। शोर-शराबे के बीच सदन में तीन विधेयक पेश किए गए। हंगामे के बीच पीठासीन अधिकारी सदस्‍यों से सदन की कार्रवाई चलाने के लिए बार-बार अनुरोध करते रहे, लेकिन विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी गई।

इससे पहले आज सुबह सदन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्षी सदस्‍य हंगामा करते हुए अध्‍यक्ष के आसन के पास आ गए। अध्‍यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है और इसे दोपहर 12 बजे के बाद सभी दलों की सहमति के बाद लिया जा सकता है। लेकिन विपक्षी सदस्‍यों ने इस पर कोई ध्‍यान नहीं दिया और पोस्‍टर लहराते हुए अपना हंगामा जारी रखा। कांग्रेस के अ‍धीर रंजन चौधरी ने कहा कि मणिपुर हिंसा बहुत महत्‍वपूर्ण मुद्दा है और इस पर तत्‍काल चर्चा होनी चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों पर मणिपुर मुद्दे को लेकर गंभीर न होने का आरोप लगाया। अध्‍यक्ष ने शोर-शराबे के बीच सदन चलाने की कोशिश की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ और बाद में सदन की कार्रवाई दिन में ढाई बजे तक स्‍थगित कर दी गई।

राज्‍यसभा में सदन की कार्रवाई दूसरे स्‍थगन के बाद शुरू होने पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डी एम के और अन्‍य दलों के सदस्‍य आसन के समीप आ गए और प्रधानमंत्री से बयान देने की मांग करने लगे। सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्‍यों से सदन की कार्रवाई सुचारू चलाने के लिए बार-बार कहा, लेकिन विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। शोर-शराबे के बीच सभापति ने सदन चलाने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए और कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी गई।

आज सुबह जब सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो सभापति ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा, तेलंगाना, छत्‍तीसगढ़, पश्चिमबंगाल, राजस्‍थान और झारखंड में महिलाओं पर अत्‍याचार सहित कई मुद्दों पर नियम 176 के अन्‍तर्गत अल्‍पावधि चर्चा के कई नोटिस मिले हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डी.एम.के, वामदल सहित कई विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे पहले, पश्चिम बंगाल से राज्‍यसभा के नवनिर्वाचित सांसद तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने सत्‍यनिष्‍ठा की शपथ ली।