दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन पुलिसकर्मी रिश्वत/उगाही करते पकड़े जा रहे हैं। इसके बावजूद निरंकुश पुलिसकर्मी बेखौफ होकर वसूली और लूट तक में जुटे हुए हैं। पिछले दस दिनों में ही रिश्वतखोरी और लूटपाट करने वाले पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के चार मामले सामने आए हैं।
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इससे एसएचओ और वरिष्ठ अफसरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है।
एएसआई गिरफ्तार-
सीबीआई ने 14 जुलाई को दिल्ली पुलिस के एक एएसआई को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के अनुसार शाहपुर जट निवासी विकास डागर से पांच हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए एएसआई रामनिवास मीणा को गिरफ्तार किया गया है। एएसआई रामनिवास मीणा दक्षिण जिले के हौज खास थाने में तैनात है।
विकास डागर ने सीबीआई को दी शिकायत में कहा है कि सुमित जाट उसकी स्कूटी मांग कर ले गया, लेकिन अब वह स्कूटी वापस नहीं कर रहा। विकास ने हौजखास थाने में इस मामले की शिकायत कर दी।
विकास डागर का आरोप है कि स्कूटी वापस दिलाने के एवज़ में इस मामले का जांच अधिकारी एएसआई रामनिवास मीणा बीस हजार रुपए रिश्वत मांग रहा है।
सीबीआई ने आरोप के सत्यापन के बाद एएसआई रामनिवास मीणा के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया।
सीबीआई ने जाल बिछाया और पांच हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए एएसआई रामनिवास मीणा को 14 जुलाई को पकड़ लिया।
हवलदार गिरफ्तार-
सीबीआई ने 11 जुलाई को मंगोलपुरी थाने में तैनात हवलदार अक्षय को ई- रिक्शा की बैटरी चार्ज करने वाले दुकानदार अरुण गुप्ता से पचास हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। जबकि एक अन्य हवलदार भीम भाग गया।
मकान बनाना है तो पैसा दो-
सीबीआई ने 4 जुलाई को दो लाख रुपए रुपए रिश्वत लेते हुए पहाड़ गंज थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर रवि और हवलदार राजेन्द्र मील को गिरफ्तार किया। मकान बनाने देने की एवज़ में रिश्वत ली।
पुलिस वालों ने 28 लाख लूटे-
कंझावला थाना क्षेत्र के सावदा जे जे कालोनी निवासी इमरान से साढ़े 28 लाख रुपए लूटने के मामले में हवलदार मंगतू और सिपाही आकाश को गिरफ्तार किया गया। ये दोनों पूर्वी जिले के न्यू अशोक नगर थाने में तैनात हैं। इन दोनों को पता चला कि इमरान ने क्रिकेट मैच के सट्टे में यह पैसा जीता है। दोनों पुलिस वाले अपने दो अन्य साथियों के साथ इमरान के घर गए और रकम लूट कर ले गए।