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उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को सीबीआई ने भेजा नोटिस

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नई दिल्ली, 30 जून। बहुचर्चित स्टिंग प्रकरण मामले में सीबीआई की टीम गुरुवार को नोटिस लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और हरक सिंह रावत के घर पहुंची. इस दौरान हरीश रावत घर में मौजूद नहीं थे. इसके बाद सीबीआई की टीम वापस उनके घर से लौट गई. जबकि हरक सिंह रावत ने सीबीआई का नोटिस खुद रिसीव किया. उत्तराखंड में बहुचर्चित स्टिंग मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है. स्टिंग प्रकरण में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत दो मौजूदा विधायक उमेश कुमार और मदन बिष्ट को नोटिस जारी किया है. गुरुवार को भी सीबीआई के अधिकारी नोटिस देने उनके घर पहुंचे. इसकी जानकारी खुद हरीश रावत ने दी है. साथ ही मामले पर फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी है.

हरीश रावत को सीबीआई का नोटिस मिलने के बाद हरीश रावत बोले, ”सीबीआई को बड़ी जल्दी है. सीबीआई के नोटिस के संबंध में मैंने कहा था कि मैं पूरा सहयोग करूंगा, क्योंकि ज्यों-ज्यों जांच आगे बढ़ेगी, न्यायालय के विभिन्न स्तरों पर तर्क-वितर्क आएंगे, तो जो हमारे ऊपर आरोप लगे हैं और भाजपा ने जिस तरीके से उन आरोपों को दुष्प्रचारित किया है, भ्रम पैदा किया है. मेरे सार्वजनिक जीवन के हित में है कि वो बातें, पूरी स्थितियां उत्तराखंड और देश के लोगों के सामने स्पष्ट हों. मगर सीबीआई इतनी जल्दी में है कि आज सुबह जब मैं कुछ दोस्तों को ईद की मुबारकबाद देने गया था तो उस दौरान मेरे घर पर नोटिस लेकर के पहुंच गए, मैं घर पर था नहीं. फिर मैंने निश्चय किया है कि मैं उनको खुद आमंत्रित करूं कि आएं और चाहें तो आज अर्थात 29 जून को ही मुझे नोटिस सर्व कर दें.

दरअसल, साल 2016 के बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले को लेकर बीती 20 जून को सीबीआई ने चारों नेताओं पूर्व सीएम हरीश रावत, हरक सिंह रावत, मदन सिंह बिष्ट और खानपुर विधायक उमेश कुमार के वॉयस सैंपल लेने के हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. साथ ही स्टिंग ऑपरेशन मामले में इन नेताओं को नोटिस भी जारी किया. नोटिस जारी होने के बाद सूबे में सियासत भी जारी है.

एक तरफ हरीश रावत सीबीआई के नोटिस को लेकर लगातार प्रतिक्रियां दे रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी पर भी हमलावर हैं.