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मणिपुर में नही रूक रही हिंसा , केंद्रीय मंत्री के घर में भीड़ ने लगाई आग, मौके पर पहुंचे दमकल कर्मी ने पाया आग पर काबू

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नई दिल्ली,16जून।मणिपुर में जारी हिंसा के बीच इंफाल में केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन (आरके रंजन) के आवास पर पेट्रोल बम फेंका गया. मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के आवास में भीड़ ने कथित तौर पर आग लगा दी. मणिपुर सरकार ने पुष्टि की है. एएनआई से बात करते हुए आरके रंजन ने कहा, “मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूं. शुक्र है कि मेरे इंफाल स्थित घर पर कल रात कोई घायल नहीं हुआ. बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए और मेरे घर के भूतल और पहली मंजिल को नुकसान पहुंचाया गया है.

आरके रंजन ने पूर्वोत्तर राज्य में शांति की अपील करते हुए कहा मेरे गृह राज्य में जो हो रहा है उसे देखकर बहुत दुख हो रहा है. मैं अब भी शांति की अपील करता रहूंगा. इस तरह की हिंसा करने वाले बिल्कुल अमानवीय हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में गुरुवार को अज्ञात लोगों द्वारा राज्य के मंत्री नेमचा किपगेन के क्षतिग्रस्त आधिकारिक आवास को भी आग लगा दिया और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया.

जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में बृहस्पतिवार को भीड़ ने कम से कम दो खाली घरों में आग लगा दी. अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इंफाल के न्यू चेकॉन में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े.आगजनी की इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है क्योंकि जिन घरों में आग लगाई गई, वे खाली थे.पिछले महीने राज्य में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद उन घरों के लोग वहां से चले गए थे.यह घटना ऐसे समय हुई जब सेना और असम राइफल्स के जवानों ने राज्य में हिंसा बढ़ने के बाद अपना अभियान तेज कर दिया है.सेना की टुकड़ियों ने गश्त बढ़ा दी हैं और जहां भी अवरोध लगाए गए थे, उन्हें हटा दिया गया है.

सेना ने एक ट्वीट में कहा कि हाल में हिंसा में वृद्धि के बाद सेना और असम राइफल्स के अभियान में तेजी लाई जा रही है.एक दिन पहले ही राज्य के खमेनलोक इलाके के एक गांव में उपद्रवियों के हमले में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 10 घायल हो गए थे.खमेनलोक इलाके में एक कुकी गांव में बुधवार तड़के हुए हमले के बाद सुरक्षा बलों ने अपने अभियान को फिर से तेज कर दिया है.एक महीने पहले मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हुई जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी.राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है.मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं.

गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं.