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सरकार ने पिछले 9 वर्षों में एक समग्र दृष्टिकोण के साथ जनजातीय मानव संसाधन के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है: श्री अर्जुन मुंडा

मिशन मोड में पीवीटीजी के विकास को पहली बार फोकस क्षेत्र के तहत शुरू किया गया है: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री

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नई दिल्ली, 15जून।सरकार ने पिछले 9 वर्षों में एक समग्र दृष्टिकोण के साथ जनजातीय मानव संसाधन के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। आज नई दिल्ली में जनजातीय कार्य मंत्रालय की 9 साल की उपलब्धियों और परिवर्तन लाने वाली पहलों पर मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मिशन मोड में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के विकास को पहली बार फोकस क्षेत्र के तहत शुरू किया गया है।

मुंडा ने बताया कि प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन, पीवीटीजी परिवारों और निवास-स्थलों को प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। उन्होंने पीवीटीजी के सदस्यों की शिक्षा पर जोर दिया। समूह के सामाजिक-आर्थिक विकास के मद में अगले तीन वर्षों के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि पीवीटीजी समूहों के लिए डेटा केंद्रित मानव विकास सूचकांक के साथ पीवीटीजी के लिए एक विशेष योजना तैयार की गई है, जिसका लक्ष्य समुदाय का समग्र विकास करना है।

अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर था, जब 12 और 13 जून को राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में 75 पीवीटीजी समुदायों में से प्रत्येक के 20-20 सदस्यों को आमंत्रित किया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें संसद के सेंट्रल हॉल में संबोधित किया। अपने पारंपरिक परिधानों में सजे पीवीटीजी ने अपनी संस्कृति राजधानी ले आये और अपने देश की राजधानी में मौजूद होने का पहला अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद 75 वर्षों में पहली बार देश के राष्ट्रपति ने उनसे राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।

जनजातीय लोगों की शिक्षा में किए गए प्रयासों का विवरण देते हुए, श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार 740 एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल (ईएमआरएस) की स्थापना कर रही है, जो 3.5 लाख जनजातीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे। अगले तीन वर्षों में, 740 ईएमआरएस के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की केंद्रीय स्तर पर भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये स्कूल यह सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय भाषाओं पर भी जोर देंगे कि छात्र अपनी जड़ों से अलग न हो जाएँ।

मंत्री ने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय छात्रवृत्ति योजनाओं को लागू करता है, जिनके तहत प्रति वर्ष 30 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है, जिसका वार्षिक बजट 2500 करोड़ रुपये से अधिक है। पारदर्शिता और बिना परेशानी के समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए इन छात्रवृत्तियों का भुगतान डीबीटी मोड में किया जाता है।

अर्जुन मुंडा ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जनजातीय क्षेत्रों में गरीब और कमजोर आबादी को किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है तथा इसके लिए लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता दी जा रही है। सरकार ने 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के मिशन के तहत, जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाएंगे, प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0-40 वर्ष की आयु के 7 करोड़ लोगों की सार्वभौमिक जांच की जाएगी एवं केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोग-आधारित प्रयासों के माध्यम से परामर्श प्रदान किये जायेंगे।

अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय देश भर में कम से कम 50 प्रतिशत जनजातीय आबादी वाले 36000 से अधिक गांवों और 500 एसटी को मॉडल जनजातीय गांवों में विकसित करने के लिए कार्य कर रहा है, ताकि जनजातीय गांवों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सकें। इसके तहत, विभिन्न मंत्रालयों को अब इन चिन्हित गाँवों में अपनी योजनाओं के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

केंद्रीय मंत्री  अर्जुन मुंडा ने बताया कि प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) देश भर में वन धन विकास केंद्र/वन धन उत्पादक उद्यम स्थापित करने के साथ फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज की सुविधा देने के माध्यम से आजीविका संचालित जनजातीय विकास हासिल करना चाहता है। इसके अलावा, राज्यों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लघु वन उपज (एमएफपी) की खरीद के लिए सहायता दी जा रही है। इसे लागू करने का कार्य-अधिकार ट्राइफेड के पास है। इसके प्रयासों के परिणामस्वरूप, एमएफपी योजना में एमएसपी के तहत कवर किए जाने के लिए 2014-15 से 77 एमएफपी जोड़े गए हैं। आज की तारीख में एमएसपी के तहत कवर किए जा रहे एमएफपी की कुल संख्या 87 है।

मंत्री ने कहा कि ट्राइफेड ने वर्ष 2017-18 में देश भर के सभी प्रमुख शहरों में ‘आदि महोत्सव’-शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और वाणिज्य का उत्सव” आयोजित करने की एक नई संकल्पना की भी शुरुआत की है। “वोकल फॉर लोकल” के मिशन को ध्यान में रखते हुए, ट्राइफेड ने 16 से 27 फरवरी, 2023 तक मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली में आदि महोत्सव का आयोजन किया, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था और यह पूरे देश में बहुत सफल रहा था।

उन्होंने कहा कि जनजातीय लोगों के एक अन्य ऐतिहासिक अवसर – भगवान बिरसा मुंडा की जयंती – पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव की खुशी मनाने और जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में घोषित किया गया है।

वन अधिकार अधिनियम के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक 21.99 लाख व्यक्तिगत अधिकार-पत्र और कुल 1.08 लाख सामुदायिक अधिकार-पत्र वितरित किए जा चुके हैं।

देश भर में अनुसूचित जनजाति समुदायों के विकास के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय के वार्षिक बजट में निरंतर वृद्धि की जा रही है। 2023-24 के लिए मंत्रालय को 12461.88 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो 2013-14 के 4295.94 करोड़ रुपये के बजट की तुलना में तीन गुना अधिक है।

अनुसूचित जनजाति घटक निधि के बजट आवंटन में 5 गुनी की भारी वृद्धि की गई है। 2013-14 के दौरान आवंटन 24,598 करोड़ रुपये था, जिसे केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों के लिए 2023-24 के दौरान बढ़ाकर 1,19,509 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

अर्जुन मुंडा ने कहा कि अनुच्छेद 275(1) के तहत राज्यों को पिछले 9 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के तहत 5000 से अधिक परियोजनाओं के लिए 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की गई है और राज्यों को उचित योजना निर्माण और निगरानी के साथ इन योजनाओं/परियोजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।