नई दिल्ली, 05 जून। आयुष मंत्रालय हैदराबाद (तेलंगाना) में 4 से 6 जून तक चलने वाले तीसरे स्वास्थ्य कार्य समूह की साइड इवेंट प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहा है। आयुष मंत्रालय यहां अपने तत्वावधान में अनुसंधान परिषदों द्वारा विकसित आयुष-64, आयुष-82, यूएनआईएम004 + यूएनआईएम005, कबासुरा कुदीनेर और होम्योपैथिक फॉर्मूले वाले नैनोकरक्यूमिन जैसी शोध आधारित आयुष दवाएं/फॉर्मूले को प्रदर्शित कर रहा है। आयुष मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, इंडियन मेडिसिन फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) अपने द्वारा निर्मित आयुष सूत्रीकरण का भी प्रदर्शन कर रहा है।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने आयुष मंत्रालय और भारतीय पारंपरिक चिकित्सा फोरम (एफआईटीएम) द्वारा तैयार ‘पारंपरिक चिकित्सा पर जी20 प्राइमर’ बुकलेट का अनावरण किया। इस कार्यक्रम में एनआईआईएमएच, हैदराबाद के स्टाफ, सीसीआरएएस के आरओ डॉ. संतोष माने और प्रभारी सहायक निदेशक डॉ. जीपी प्रसाद उपस्थित रहे।
पारंपरिक चिकित्सा पर जी-20 प्राइमर बुकलेट में हमारी आयुष प्रणालियों और वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं में इसकी भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इस प्राइमर का उद्देश्य आयुष प्रणाली के सिद्धांतों, प्रथाओं और लाभ को सामने रखने के साथ, इसे स्वास्थ्य सेवा की मुख्य धारा में शामिल कर बढ़ावा देना, इसके फायदे एवं चुनौतियों का पता लगाना और जी-20 सदस्य देशों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना है।
आयुष को स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में शामिल करने के लिए यह जी-20 सदस्य देशों के बीच चर्चाओं, अनुभव साझा करने और रणनीति विकसित करने की दिशा में एक आधार बन सकता है। इसे शामिल कर, सहयोग, अनुसंधान आदि को बढ़ावा देकर जी-20 के सदस्य देश आयुष प्रणाली की क्षमता का लाभ उठा सकते हैं। वैश्विक कल्याण की दिशा में आयुष प्रणाली की मदद से आसान और किफायती स्वास्थ्य देखभाल समाधान प्रदान किया जा सकेगा।
जी20 की भारतीय प्रेसीडेंसी के तहत जी20 हेल्थ ट्रैक की तीन अहम प्राथमिकताओं पर ध्यान देते हुए तीसरे स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक हैदराबाद में आयोजित की जा रही है। तीसरे एचडब्ल्यूजी की साइड इवेंट प्रदर्शनी स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार पर ज्यादा फोकस कर रही है।