नई दिल्ली, 02जून। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत कृषि उत्पादन विभाग, जम्मू एवं कश्मीर सरकार के सहयोग से पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार ने आज एसकेआईसीसी, श्रीनगर में विश्व दुग्ध दिवस मनाया। इस अवसर पर पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए दो दिन की ग्रीष्मकालीन बैठक की भी शुरुआत हुई।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान और मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन की उपस्थिति में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रुपाला ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों और 15 पशुपालन एवं डेयरी मंत्रियों की उपस्थिति में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की भागीदारी देखी गई। जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों के 400 से ज्यादा पशुपालक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस मौके पर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला ने भारतीय संस्कृति और परंपरा में दूध के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि भारत का दूध उत्पादन नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इसमें हमारे डेयरी किसानों और कृषि उद्यमियों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने विभाग की उपलब्धियों और कार्यक्रम को दर्शाने वाली प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से डेयरी उत्पादन में नंबर एक बनने की जम्मू-कश्मीर की आकांक्षा का अनुकरण करने को कहा, जिससे इस क्षेत्र में भारत दुनिया में पहले पायदान पर रहे।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दूध क्षेत्र को बढ़ावा देने में सहयोग के लिए मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। उपराज्यपाल ने कहा कि डेयरी क्षेत्र में दूसरे क्षेत्रों को भी बढ़ावा देने की क्षमता है। किसान संपर्क योजना लागू होने से हमारे सीमांत किसानों का उत्थान हुआ है और हमारे कृषि क्षेत्र को काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल औसत उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिली बल्कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करने में भी फायदा हुआ।
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में दूध ज्यादा (अतिरिक्त) होगा क्योंकि हमने समग्र विकास की तरफ कदम बढ़ाया है और यह क्षेत्र उसके केंद्र में है।
इस मौके पर मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी और सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि विश्व दुग्ध दिवस जश्न मनाने एक ऐसा अवसर है, जिसमें हम हमारे डेयरी किसानों, खासतौर से महिलाओं के योगदान को स्वीकार करते हैं। उनके योगदान के चलते ही भारत दुनिया में शीर्ष दुग्ध उत्पादक देश है। उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र ने 80 मिलियन से ज्यादा लोगों को सशक्त बनाया है।
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान ने कहा कि पूरे कृषि क्षेत्र में दूध उत्पादन ही ऐसा क्षेत्र है, जो काफी ज्यादा मुनाफा देता है। डॉ. बालियान ने बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया।
पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव अल्का उपाध्याय ने इस बात का जिक्र किया कि डीएएचडी की पुनर्गठित योजनाएं प्रति पशु उत्पादकता को बेहतर बनाने में मदद कर रही हैं। उत्पादकता में बढ़ोतरी से घरेलू बाजारों और निर्यात के लिए दूध, मांस और पशुधन उत्पाद बढ़ेगा। पशुधन से संबंधित बड़ी बीमारियों पर पूर्ण नियंत्रण एवं उन्मूलन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विभाग कई कार्यक्रम संचालित कर रहा है।
ग्रीष्मकालीन बैठक आयोजित करने की इस पहल की प्रशंसा करते हुए मंत्रियों ने उम्मीद जताई कि विचार-विमर्श से व्यवस्था में आगे और सुधार का रास्ता निकलेगा। इस ग्रीष्मकालीन बैठक का उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की अपेक्षाओं का पता लगाने के साथ ही जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से कार्यक्रमों को लागू करने का तंत्र तैयार करना, योजनाओं की प्रगति की समीक्षा और परिणाम एवं सुधारों पर चर्चा आदि है।