नई दिल्ली, 26मई।भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 25 मई गुरूवार, ,राजभवन, रांची में झारखंड सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुईं।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड राज्य को बने भले ही ज्यादा समय न हुआ हो,लेकिन प्राचीन काल से इस क्षेत्र की अपनी विशिष्ट पहचान रही है। पर्यावरण संकट के इस काल में झारखंड के लोगों ने जल, जंगल और जमीन को लेकर जो संरक्षण की भावना और प्राकृतिक जीवनशैली अपना कर मिसाल पेश की है, वह काफी महत्वपूर्ण है। राज्य का लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है, इस बात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बहुमूल्य वन संपदा की रक्षा और संवर्धन करते हुए विकास के पथ आगे बढ़ना ही सतत विकास का सही तरीका है।
राष्ट्रपति ने कहा कि व्यक्ति पर समूह को प्राथमिकता देना झारखंड के समाज की मौलिक विशेषता है।उन्होंने सभी से सहयोग और सामूहिकता की इस भावना को और मजबूत करने का आग्रह किया।ष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड राज्य अपने आकर्षक प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। यहां पर्यावरण-पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इस क्षेत्र के समुचित विकास से राज्य के युवाओं को रोजगार और उद्यमशीलता के कई अवसर उपलब्ध होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि अपने बेशकीमती खनिजों के कारण ही झारखंड की भूमि रत्न-गर्भ कहलाती है।खनिज संपदा के मामले में यह देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। लेकिन झारखंड के सबसे कीमती रत्न राज्य के मेहनती, भोले-भाले और सरल लोग हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड में कई आधुनिक उद्योग (विशेष रूप से खनिज पदार्थों पर आधारित) स्थापित हुए हैं।इन उद्योगों से आधुनिक विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है। हाल के वर्षों में, झारखंड में आधारभूत संरचना विकसित करने की दिशा में व्यापक स्तर पर प्रयास हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आधुनिक विकास का फायदा समाज के सभी वर्गों, खासतौर से अंतिम छोर पर मौजूद लोगों तक पहुंचना चाहिए। निकट भविष्य में विकास के संदर्भ में देश के अग्रणी राज्यों में स्थान बनाने के लिए उन्होंने झारखंड को अपनी तरफ से शुभकामनाएं दीं।