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संस्कृति एक दूसरे को जोड़ती है; यह सभी को एक साथ लाने का माध्यम हो सकती है: मीनाक्षी लेखी

मीनाक्षी लेखी ने भुवनेश्वर में जी-20 संस्कृति समूह के दूसरे दिन के विचार-विमर्श में लिया भाग

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भुवनेश्वर, 18मई।दूसरे संस्कृति कार्य समूह का चर्चा सत्र 16 मई, 2023 को समाप्त हुआ। प्रतिनिधियों ने संस्कृति कार्य समूह के प्रारूप की तीसरी और चौथी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों ‘सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों का प्रचार और रचनात्मक अर्थव्यवस्था’ और ‘संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाना’ विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए चर्चा सत्रों में भाग लिया। इस दौरान महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए गए जिनसे सांस्कृतिक क्षेत्र को सुदृढ़ स्वरूप दिया जा सकेगा और मूर्त एवं क्रिया-उन्मुख सिफारिशों से इस क्षेत्र को विशिष्ट स्वरूप प्रदान किया जा सकेगा तथा वैश्विक स्तर पर नीतिगत ढांचे का निर्माण हो सकेगा।

संस्कृति कार्य समूह की बैठक के पहले दो सत्रों में प्रतिनिधियों ने वक्तव्य दिए, इसके बाद तीसरी और चौथी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर खुला विचार-विमर्श हुआ। दूसरा सत्र संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी के विशेष संबोधन के साथ संपन्न हुआ। समापन सत्र में संस्कृति कार्य समूह की कार्य प्रक्रिया से संबंधित विवरण और समयरेखा को रेखांकित किया गया।

मीडिया के साथ अपनी बातचीत में, अमृत काल के दौरान अर्थात अब से 25 वर्ष बाद भारत को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रधानमंत्री की इच्छा को दोहराते हुए मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत को वास्तव में उस स्थिति को फिर से प्राप्त करने के लिए काम करना होगा। संस्कृति की सामंजस्यपूर्ण प्रकृति के बारे में मंत्री ने कहा, “संस्कृति सभी को एक साथ जोड़ने का माध्यम हो सकती है। विशेष रूप से ऐसे समय में जब बहुत अधिक मानसिक तनाव दिखाई दे रहा हो। “संस्कृति कनेक्ट” पर बात करते हुए मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पहली बार जी-20 में संस्कृति कार्य समूह को स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब जी-20 सद्भाव और शांति की बात करता है, तो संस्कृति पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृति कार्य समूह की दूसरी बैठक ओडिशा या उत्कल, में आयोजित की गई। उत्कल का अनुवाद – ‘उत्कर्ष कला की भूमि’ है, जिसका अर्थ है गौरवशाली कला और संस्कृति की भूमि।

16 मई, 2023 को प्रतिनिधियों को यूनेस्को की सूची में शामिल विश्व धरोहर स्थल कोणार्क सूर्य मंदिर दिखाया गया। यह ओडिशा के पुरी जिले में स्थित है और सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर 13वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसे कलिंग वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति माना जाता है। बाद में, शाम के समय जी-20 प्रतिनिधियों ने गोटीपुआ नृत्य देखा जो जगन्नाथ मंदिर, पुरी की मंदिर परंपरा से जुड़े प्राचीन नृत्य रूपों में से एक है। स्थानीय कलाकारों ने विभिन्न भंगिमाओं के माध्यम से यह सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। मीनाक्षी लेखी ने ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर की प्रस्तुति करने वाले कलाकारों को सम्मानित किया।

इसके साथ ही जी-20 के दूसरे संस्कृति समूह की बैठक के अंतर्गत चार दिनों तक चलने वाली गतिविधियों और विचार-मंथन सत्रों का समापन हुआ। जी20 सदस्यों, अतिथि राष्ट्रों और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संस्कृति कार्य समूह की बैठकों के छह सत्र आयोजित किए गए। ये बैठकें चार प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर केंद्रित थीं – सांस्कृतिक संपदा का संरक्षण और पुनर्स्थापना, सतत भविष्य के लिए जीवंत विरासत का उपयोग, सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाना।

समापन दिवस पर मीनाक्षी लेखी ने प्रतिनिधियों के साथ उदयगिरि की प्रसिद्ध गुफाओं का दौरा किया। ये गुफाएं 2000 वर्ष से भी अधिक पुरानी है। उन्होंने भुवनेश्वर में गांधी शांति केंद्र में संग्रहालय का भी दौरा किया। यह महात्मा गांधी के जीवन और दृष्टि को समर्पित है।

राजधानी भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में चट्टानों को काटकर बनाई गई उदयगिरी की प्राचीन गुफाओं के दौरे पर गए प्रतिनिधियों की राय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह प्रतिनिधियों के लिए ज्ञान साझा करने का अनुभव था। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि ओडिशा के उत्कृष्ट शिल्प कौशल और समृद्ध संस्कृति को देखकर आश्चर्यचकित हैं।

संस्कृति कार्य समूह बैठकों का उद्देश्य सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित प्रमुख मुद्दों और सतत विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार-विमर्श करने के लिए एक समावेशी और सहयोगी मंच को बढ़ावा देना है। बैठक सांस्कृतिक विविधता, समावेशिता और स्थिरता को बढ़ावा देने में इसकी अहम भूमिका पर एक वैश्विक संवाद को बढ़ावा देना चाहती है।