Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

बीआरओ ने रक्षा तैयारियों को मजबूत बनाया है और सीमावर्ती क्षेत्रों का सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित किया : अजय भट्ट

108
Tour And Travels

नई दिल्ली, 8मई। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 07 मई, 2023 को देश भर में अपनी सभी टुकड़ियों में अपना 64 वां स्थापना दिवस मनाया। मुख्य समारोह ‘मुख्य अभियंता और उपकरण प्रबंधन सम्मेलन’ पुणे के बीआरओ स्कूल और केंद्र में आयोजित किया गया, जिसमें रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट उपस्थित हुए। स्थापना दिवस के अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री ने परिसर में बीआरओ तकनीकी प्रशिक्षण परिसर और एक ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक का उद्घाटन किया। इन सुविधाओं से बीआरओ कर्मियों के प्रशिक्षण मानकों में वृद्धि होगी और उन्हें विभिन्न चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने में मदद करेंगी।

इस अवसर पर ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के भाग के रूप में विकसित बीआरओ-केंद्रित सॉफ्टवेयर भी लॉन्च किया गया। इन सॉफ्टवेयरों – भर्ती प्रबंधन प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक मापन पुस्तक और कार्य प्रबंधन प्रणाली – को सुचारू और तेज आउटपुट और बढ़ी हुई पारदर्शिता के लिए बीआरओ के कामकाज के विभिन्न पहलुओं को स्वचालित करने के लिए विकसित किया गया है।

इसके अतिरिक्त, स्वदेशी क्लास 70 आर डबल लेन मॉड्यूलर पुलों के निर्माण के लिए बीआरओ और जीआरएसई के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। ये पुल सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों को सुदृढ़ बनाने में सहायता करेंगे।

एक संगठन के रूप में क्रमिक रूप से विकसित होने के लिए बीआरओ ने कई दस्तावेजों की अवधारणा की है, जिसमें ‘बीआरओ Vision@2047’ पर एक मोनोग्राफ, सड़क के नारों पर सार- संग्रह, चिकित्सा प्रतिष्ठानों का सुधार और मानकीकरण, बीआरओ परिसंपत्तियों की निगरानी के लिए उपग्रहों के उपयोग सहित रक्षा उत्कृष्टता (आईडीईएक्स) के लिए नवाचारों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं और पुलों का डिजाइन और समस्या विवरण शामिल है। रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क निदेशालय द्वारा प्रकाशित पाक्षिक पत्रिका सैनिक समाचार के विशेष बीआरओ संस्करण का रक्षा राज्य मंत्री ने इनका अनावरण भी किया। संस्करण में उपलब्धियों, जारी परियोजनाओं और बीआरओ के इतिहास को शामिल किया गया है।

इस कार्यक्रम में अजय भट्ट ने 10 अप्रैल, 2023 को शुरू हुए मल्टी-मॉडल अभियान ‘एकता एवं श्रद्धांजलि अभियान’ को हरी झंडी दिखाई। संगठन के सभी स्तरों को इस साहसिक-सह-जागरूकता अभियान में एकीकृत किया गया था। मोटर-साइकिल और चार-पहिया वाहन से युक्त अभियान में विभिन्न सीमावर्ती राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों की टीमों को मिट्टी, नदियों / झीलों / जलाशयों और स्थानीय पौधों के पानी के नमूने एकत्र करते हुए देखा गया। इन्हें रक्षा राज्य मंत्री और अन्य लोगों ने बीआरओ स्कूल एंड सेंटर में लगाया था।

अपने संबोधन में अजय भट्ट ने बीआरओ के सभी रैंकों को उनके समर्पण और कठिन परिश्रम के लिए बधाई देते हुए कहा कि उनके द्वारा निर्मित सड़कों, पुलों और सुरंगों ने न केवल सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों को बढ़ाया है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों का सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने में भी सहायता की है। उन्होंने सेला सुरंग और नेचिपु सुरंग परियोजनाओं में उल्‍लेखनीय प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया।

रक्षा राज्य मंत्री ने सीमा क्षेत्र के विकास को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘नया भारत’ अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं और कई देशों को सैन्य उपकरण निर्यात कर रहे हैं। यह ‘नया भारत’ मजबूत है और अपने स्‍वयं के हितों की रक्षा करने में समर्थ है। हम न तो किसी के आगे झुके हैं और न ही झुकेंगे।

सीमा सड़क के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने सभी रैंकों से उत्साह और समर्पण के साथ काम करना जारी रखने की अपील की। उन्होंने विश्वास जताया कि बीआरओ ‘हम या तो रास्ता ढूंढ लेंगे या एक नया रास्‍ता बना लेंगे’ के मंत्र के अनुरूप उभरती चुनौतियों का सामना करेगा।

बीआरओ ने छह दशकों से अधिक समय में भारत की सीमाओं और भूटान, म्यांमार, अफगानिस्तान और तजिकिस्तान सहित मित्र देशों में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में 61,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों, 900 से अधिक पुलों, चार सुरंगों और 19 हवाई क्षेत्रों का निर्माण किया है।

2022-23 में, बीआरओ ने 103 अवसंरचना परियोजनाओं को पूरा किया, जो संगठन द्वारा एक वर्ष में सबसे अधिक संख्‍या है। इनमें पूर्वी लद्दाख में श्योक ब्रिज और अरुणाचल प्रदेश में अलॉन्ग-यिंकिओनग रोड पर लोड क्लास 70 का स्टील आर्क सियोम ब्रिज का निर्माण शामिल है। पिछले एक वर्ष के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा इन्‍हें तथा रणनीतिक महत्व की इसी तरह की अन्य परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया गया।