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भारतीय शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता ‘एक सुरक्षित शंघाई सहयोग संगठन की ओर’ मंत्र से परिचालित है जो क्षेत्र में बहुपक्षीय, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों से लोगों के संपर्क को बढ़ावा देने में वाला होगा: भूपेंद्र यादव

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नई दिल्ली, 19अप्रैल।पर्यावरणीय संरक्षण के लिए उत्तरदाई शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य राज्यों और मंत्रालय के शीर्ष नेताओं की चौथी बैठक केन्‍द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई थी। इस बैठक में एससीओ देश, रिपब्लिक ऑफ कजाकिस्तान, चीनी जनवादी गणराज्य, पाकिस्तान इस्लामिक गणराज्य, रूसी संघ, ताजिकिस्तान गणराज्य के मंत्रियों/उप मंत्रियों की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल और एससीओ सचिवालय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस बैठक से पहले 17 अप्रैल 2023 को तीसरी विशेषज्ञ स्तर के समूह की बैठक हुई, पहली तदर्थ विशेषज्ञ समूह की बैठक 18 जनवरी 2023 को और दूसरे तदर्थ विशेषज्ञ समूह की बैठक 15 फरवरी 2023 में वर्चुअल माध्यम में आयोजित की गई।

इस बैठक में सदस्यों की ओर से दिए गए वक्तव्य में शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य राज्यों के बीच पर्यावरण संरक्षण के बढ़ते सहयोग की संभावनाओं पर बात की गई और 2022- 24 की अवधारणा के अनुसार शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य राज्यों के बीच पर्यावरणीय संरक्षण के आगे की कार्य योजना पर बात की गई।

इस अवसर पर बोलते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत की एससीओ की अध्यक्षता ‘सुरक्षित एससीओ की ओर’ मंत्र से संचालित है, जो 2018 के किंगदोह सम्मेलन में हमारे प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया था। उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्र में बहुपक्षीय, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों से लोगों के संपर्क को बढ़ावा देने में एससीओ को विशेष महत्व देता है।

भारत के अनुभव को साझा करते हुए भूपेंद्र यादव ने मिशन लाइफ की जानकारी दी जिसकी शुरुआत 20 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री ने की थी। उन्होंने एससीओ समुदाय का मिशन लाइफ में वैयक्तिक, पारिवारिक और सामुदायिक स्तर पर कार्य करने का आह्वान किया।

इस बैठक के परिणामस्वरूप पर्यावरणीय संरक्षण के मुद्दों के लिए जिम्मेदार एससीओ के सदस्य देशों के मंत्रालयों और एजेंसियों के प्रमुखों की चौथी बैठक के आधार पर संयुक्त विज्ञप्ति को, 18 अप्रैल, 2023, नई दिल्ली में अपनाया गया। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग की 2022-24 की अवधारणा को लागू करने के लिए एससीओ कार्य योजना के आधार पर संयुक्त विज्ञप्ति तैयार की गई है।