नई दिल्ली, 7 अप्रैल। हनुमान जयंती पर मध्यप्रदेश दिनभर राजनीति का अखाड़ा बना रहा. बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज एक दूसरे पर जमकर बरसे। जहां एक तरफ कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में सुंदरकांड का पाठ हुआ और कांग्रेस कार्यालय को भगवामय किया गया तो इससे बीजेपी के दिग्गज नेता तिलमिला गए और उन्होंने जमकर कमलनाथ और कांग्रेस पर जुबानी तीर चलाए. उधर कांग्रेस ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवा कोई बीजेपी का रंग नहीं है और न ही भगवा रंग पर किसी पार्टी विशेष की ठेकेदारी है.
मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जो लोग भगवा आतंकवाद का शब्द गढ़े थे, वो लोग आज अपने कार्यालय को भगवा में रंग रहे हैं तो समझ लेना चाहिए कि अब अच्छे दिन जरूर आ गए हैं. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मप्र में हनुमान जयंती के दिन फूल बरसाए जाते हैं और दूसरी सरकारों के राज्यों में हनुमान जयंती के जुलूस पर पत्थर फेंके जाते हैं. कांग्रेस अपने कार्यालय में सुंदरकांड का पाठ करा रही है. ये वो लोग हैं जिन्होंने राम को काल्पनिक कहा था. कमलनाथ दंगों की बात कर रहे हैं जबकि उनकी सरकारों के दौरान रामनवमी के जुलूस पर पत्थर फेंके जाते थे.
वहीं इंदौर में बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस के नेता पहले सिर्फ रोजा इफ्तार में जाते थे लेकिन अब वे सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं, मंदिरों में जा रहे हैं और उनके नेता जनेऊ तक पहनने लगे हैं तो यह सीधे तौर पर कांग्रेस पर मोदी इफेक्ट का असर है. मोदी इफेक्ट की वजह से कांग्रेस का ट्रांसफॉर्मेशन हो रहा है.
ममता बनर्जी की भूमिका ही बंगाल में संदिग्ध है
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है. बंगाल में जो भी दंगे हो रहे हैं, उसमें उनकी सरकार का राजनीतिक लाभ है. वहां पर दंगे करने वालों को सरकार से प्रोटेक्शन मिलता है. हनुमान जयंती के दिन धरने पर सीएम ममता बनर्जी का बैठना और यह बोलना कि रमजान के दिन है और किसी मुसलमान के घर पर हमला किया तो वे उस पर कठोर एक्शन लेंगी, यह उनका भड़काऊ बयान था और मुख्यमंत्री होने के बाद इस तरह के बयानों से बचना चाहिए.
ऊषा ठाकुर बोली, फर्जी धमकियों से संत नहीं डरते
इंदौर में ही पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए बयान दिया कि सनातन की अलख जगाने वाले जिन संतों को धमकियां मिल रही हैं, उन फर्जी धमकियों से हमारे सनातन के योद्धा और संत डरते नहीं है. पुलिस संतों को मिल रही धमकियों के मामले की जांच कर रही है।