चैत्र नवरात्रि 2023 षष्ठी तिथि : चैत्र नवरात्रि के छठे दिन होती है मां कात्यायिनी की पूजा, जानें पूजन विधि और पढ़ें मंत्र
नई दिल्ली, 27 मार्च। हिंदू पंचांग के अनुसार आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है और नवरात्रि का छठा दिन है. नवरात्रि के 6वें मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी नौ देवियों में मां कात्यायिनी को सबसे फलदायिनी माना गया है. इनकी पूजा से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं मां कात्यायिनी की पूजन विधि.
ऐसे करें पूजा
मां कात्यायिनी की पूजन के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके माता की प्रतिमा को शुद्ध जल व गंगाजल से स्नान कराएं. फिर उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और पीले रंग के फूल अर्पित करें. माता को रोली व सिंदूर का तिलक लगाएं और पांच प्रकार के फल व मिष्ठान का भोग लगाएं. मां कात्यायिनी को शहर को भोग अवश्य लगाएं और इसके बाद मंत्र का जाप करें. बता दें कि मां कात्यायनी की पूजा प्रदोष काल के समय करना शुभ होता है. मां कात्यायिनी को पीले रंग से बनी चीजों का ही भोग लगाना चाहिए क्योंकि पीला रंग मां को अतिप्रिय है.
क्या है चैत्र नवरात्रि का महत्व
पुराणों के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन इसी दिन मां दुर्गा का जन्म हुआ था और उनके कहने पर ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था. 9 ग्रह, 27 नक्षत्रों और 12 राशियों का उदय भी इसी दिन का माना जाता है. भगवान विष्णु का भगवान राम के रूप में अवतार भी चैत्र नवरात्रि में ही हुआ था.
मां कात्यायिनी का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
ॐ देवी कात्यायन्यै नम:॥
मां कात्यायनी का प्रार्थना मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥