Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

आदिवासी हॉस्टल का होगा कायाकल्प, छात्राओं के लिए भी बनेगा हॉस्टल:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

आदिवासी छात्रावास पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सखुआ का पौधा लगाकर राज्यवासियों को दी सरहुल की शुभकामनाएं

68
Tour And Travels

नई दिल्ली, 24 मार्च। प्रकृति पर्व सरहुल आदिवासियों का वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है. पतझड़ के बाद पेड़-पौधे की टहनियों पर जब हरी-हरी पत्तियां निकलने लगती हैं, आम के मंजर, सखुआ और महुआ के फूल से जब पूरा वातावरण सुगंधित हो जाता है, तब सरहुल पर्व मनाया जाता है. सरहुल प्रकृति प्रेम को भी दर्शाता है. वहीं सरहुल के मौके पर सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन आदिवासी छात्रावास पहुंचे. छात्रावास परिसर में सखुआ का पौधा लगाकर राज्य वासियों को पर्व की शुभकामनाएं दी. पाहन ने सीएम के कान में सराई फूल लगाया.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी हॉस्टल के प्रांगण में सरहुल महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. उन्होंने सरहुल के अवसर पर राज्यवासियों को शुभकामनाएं दी. कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति प्रेमी है. आदिवासी हॉस्टल का कायाकल्प करना है. इसके लिए कार्ययोजना बनकर तैयारी कर ली गई है और स्वीकृति मिल गई है. यहां पर 500 बच्चों के लिए मल्टी स्टोरी छात्रावास बनेगा. साथ ही छात्राओं के लिए भी हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा. महिला कॉलेज के साइंस-आर्ट्स सेक्शन के लिए भी स्वीकृति दे दी गई है. वहीं सभी सरना स्थल, मसना स्थल को संरक्षित और जीर्णोद्धार करने का निर्णय सरकार ने लिया है. सीएम ने समाज के लोगों से भी आगे आने का आह्वान किया है.

मंदार की थाप पर झूमे सीएम हेमंत सोरेन
वहीं सरहुल पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मांदर की थाप पर थिरके. पारंपरिक गीत पर कदमताल मिलाते हुए नृत्य किया. सीएम हेमंत सोरेन के साथ खिजरी के विधायक राजेश कच्छप, मांडर की पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, आदिवासी समाज के सैकड़ों लोग मौजूद हुए