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लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 124वें प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य के सिविल सेवा अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की

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लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में 124वें प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य सिविल सेवा अधिकारियों ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

इन अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने उन्हें पदोन्नति और भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में सम्मिलित होने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि लगभग आप सभी ने राज्य सरकारों में विभिन्‍न पदों पर 20 से अधिक वर्षों तक सेवा की है। इन वर्षों में आपने कई चुनौतियों का सामना किया होगा और कड़े फैसले भी लिए होंगे। राष्‍ट्रपति ने इनसे ‘राष्‍ट्र प्रथम और जनता प्रथम’ की भावना के साथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों के रूप में उन्हें सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और तत्‍परता के सिद्धांतों का अनुपालन करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि कई मौकों पर यह देखा जाता है कि यथास्थिति बनाए रखने की प्रवृत्ति बरकरार रखी जाती है। ऐसी प्रवृत्ति या तो सामान्‍य जड़ता है या यह हमारे आसपास के बदलते परिदृश्य से उत्पन्न लोगों की उभरती समस्याओं के प्रति उदासीनता बरतना है। सिविल सेवकों को ‘बेहतर के लिए परिवर्तन’ की मानसिकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश को ऐसे सिविल सेवकों की आवश्यकता है जो नवाचारी, सक्रिय, विनम्र, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और रचनात्मक हों। इन नेतृत्व शैलियों और मूल्यों को साकार करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्र और नागरिकों की सेवा करने के लिए बेहतर पदों पर तैनात किया जाएगा।

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