Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

डॉ. मनसुख मांडविया और अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में जन औषधि ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया

180
Tour And Travels

नई दिल्ली, 4 मार्च। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में सप्ताह भर चलने वाले समारोह के तीसरे दिन जन औषधि ट्रेन (छत्तीसगढ़ संपर्कक्रांति एक्सप्रेस) को झंडी दिखाकर रवाना किया। जन औषधि जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस ट्रेन को जन औषधि योजना की ब्रांडिंग के तौर पर सुसज्जित किया गया है, जो 9000 से अधिक केंद्रों के माध्यम से सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हैं। यह ट्रेन 2 महीने के लिए 4 से अधिक राज्यों की यात्रा करेगी। साथ ही, जन औषधि योजना के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए पुणे से दानापुर के लिए इसी तरह की ट्रेन को 2 महीने के लिए 4 राज्यों को कवर करते हुए हरी झंडी दिखाई गई है।

जन औषधि दिवस, 2023 का तीसरा दिन देश भर में ‘जन औषधि – एक कदम मातृ शक्ति की ओर’ के रूप में मनाया गया। सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 34 स्थानों पर जन औषधि केंद्रों में बड़ी संख्या में महिला लाभार्थियों ने भाग लिया, जहां महिला जनप्रतिनिधियों, महिला डॉक्टरों, गैर-सरकारी संगठनों की उपस्थिति में बातचीत की गई और जन औषधि दवाओं के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी साझा की गई। मासिक धर्म से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में भी विशेष चर्चा की गई। निर्धारित स्थानों पर 3500 से अधिक महिलाओं को विशेष तौर पर महिलाओं के लिए उपयुक्त उत्पादों वाली किट वितरित किए गए।

इस मौके पर डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि जन औषधि केंद्र गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दवाएं मुहैया कराते हैं। 9000 से अधिक जन औषधि केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि लोगों को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिलें और ये केंद्र जनता के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। डॉ. मंडाविया ने यह भी कहा कि रेलवे सस्ती जेनेरिक दवाओं के प्रचार के लिए एक विशेष अभियान भी चला रहा है, जिससे जनता में जागरूकता पैदा होगी और उनके पैसे भी बचेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रेल मंत्रालय ने कुछ बड़े रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि केंद्र खोलने का फैसला किया है। यह यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि वे स्टेशनों पर इन केंद्रों से दवाएं खरीद सकते हैं और उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय मंत्री मांडविया ने यह भी बताया कि जन औषधि केंद्र कोई भी व्यक्ति खोल सकता है। उसे 20 प्रतिशत कमीशन प्रदान किया जाता है, ताकि वह न केवल रोजगार का बल्कि सेवा का भी माध्यम प्राप्त कर सके। उन्होंने यह भी कहा, जहां देश भर के जन औषधि केंद्रों में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध हैं, वहीं ये केंद्र महिलाओं को सिर्फ 1 रुपये प्रति पैड की कीमत पर सैनिटरी पैड भी उपलब्ध करा रहे हैं।

औषधि विभाग ने 1 मार्च, 2023 से 7 मार्च, 2023 तक विभिन्न शहरों में विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जो जन औषधि योजना के बारे में जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करेंगे। सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में सेमिनारों, बच्चों, महिलाओं और एनजीओ की भागीदारी, हेरिटेज वॉक और स्वास्थ्य शिविरों और पीएमबीजेके के मालिकों, लाभार्थियों, राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, नर्सों, फार्मासिस्टों, जन औषधि मित्रों की भागीदारी के माध्यम से देश भर के विभिन्न स्थानों पर अनेक क्रिया कला आयोजित किए जाएंगे।

यह योजना देश के कोने-कोने में लोगों तक सस्ती दवा की आसान पहुंच सुनिश्चित करती है। सरकार ने दिसंबर 2023 के अंत तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (पीएमबीजेके) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है। पीएमबीजेपी के उत्पादों में 1759 दवाएं और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा, प्रोटीन पाउडर, माल्ट-बेस्ड फूड पोषाहार, प्रोटीन बार, इम्युनिटी बार, सैनिटाइजर, मास्क, ग्लूकोमीटर, ऑक्सीमीटर आदि जैसी नई दवाएं और न्यूट्रास्यूटिकल उत्पाद भी लॉन्च किए गए हैं।

पीएमबीजेपी के तहत उपलब्ध दवाओं की कीमत ब्रांडेड कीमतों से 50 प्रतिशत-90 प्रतिशत कम है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान, पीएमबीजेपी ने 893.56 करोड़ (एमआरपी पर) रुपये की बिक्री हासिल की है। इससे आम नागरिकों के करीब 5360 करोड़ रुपये की बचत हुई है। चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 में 15.02.2023 तक पीएमबीजेपी की कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री की है, जिसके कारण नागरिकों को लगभग 6000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। वर्तमान में पीएमबीजेपी के तीन आईटी सक्षम गोदाम गुरुग्राम, चेन्नई, गुवाहाटी और सूरत में काम कर रहे हैं। दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में दवाओं की आपूर्ति में सहयोग के लिए देश भर में 36 वितरक नियुक्त किए गए हैं।

पिछले 8 वर्षों में, देश के लोगों को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध होने के कारण पीएमबीजेपी ने जबरदस्त वृद्धि और शानदार सफलता हासिल की है। इससे भारत के निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के खर्च में भारी कटौती संभव हो पाई है। इससे नागरिकों के दवाओं पर खर्च होने वाले 20000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। लोगों की इस व्यापक स्वीकृति ने पीएमबीजेपी को देश के हर कोने में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए और प्रोत्साहन दिया है।