कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, उद्यमिता का केंद्र बने कृषि शिक्षा- जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति के आतिथ्य में हुआ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का दीक्षांत समारोह
नई दिल्ली, 25 फरवारी।भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के स्नातकोत्तर विद्यालय का 61वां दीक्षांत समारोह उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के मुख्य आतिथ्य, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता व राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के विशेष आतिथ्य में हुआ। इस मौके पर धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि कृषि शिक्षा को देश की प्रगति के लिए अनुसंधान और नवाचार तथा उद्यमशीलता का केंद्र बनना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, अन्नदाताओं का जबरदस्त योगदान रहा है। उन्होंने कृषि क्षेत्र की प्रतिबद्धता की सराहना की, जिसने खाद्य सुरक्षा बनाए रखी और 80 करोड़ से अधिक लोगों के लिए मुफ्त भोजन सुनिश्चित करना संभव बना दिया, वह भी ऐसे समय में जब दुनिया महामारी से जूझ रही थी। उन्होंने कहा- आज जिस भारत को हम देख रहे, वह अद्भुत है। उपराष्ट्रपति ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में चिन्हित करने की दिशा में भारत के प्रयासों व दुनियाभर में कृषि क्षेत्र के लिए इसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने ड्रोन सहित कृषि में अत्याधुनिक तकनीक के बढ़ते उपयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि बदलते समय के साथ टेक्नालाजी इस क्षेत्र को बदल रही है। धनखड़ ने कृषि क्षेत्र के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पहल के तहत 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.20 लाख करोड़ रु. से अधिक राशि सीधे उनके बैंक खातों में बिना बिचौलियों के हस्तांतरित की गई हैं। उपराष्ट्रपति ने संसद को लोकतंत्र का मंदिर बताते हुए कहा कि यह संवाद, बहस, चर्चा, विचार-विमर्श के लिए है, जो व्यवधान या अशांति का मंच नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद में बोला गया हर शब्द उचित विचार के बाद आना चाहिए।