नई दिल्ली, 15 फरवरी।समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बाद उनके बेटे अब्दुल्ला की भी विधायकी चली गई है. अब्दुल्ला आजम के खिलाफ यह कार्रवाई उन्हें छजलैट केस में मिली 2 साल की सजा के बाद हुई है. अब्दुल्ला की विधायकी जाने के बाद अब उत्तर प्रदेश की रामपुर की स्वार सीट पर फिर चुनाव होगा. अब्दुल्ला स्वार सीट से विधायक थे. विधानसभा सचिवालय ने अब्दुल्ला आजम की सीट को रिक्त घोषित कर दिया है.
यह दूसरी बार है जब अब्दुल्ला आजम को अयोग्य घोषित किया गया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए उनके निर्वाचन को रद्द करने के बाद उन्हें 2020 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
मालूम हो कि मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने बीते सोमवार को 15 साल पुराने मामले में समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाई थी. वहीं, मामले में कोर्ट ने सात लोगों को दोषमुक्त करार दिया था. जिला शासकीय अधिवक्ता (अपराध) नितिन गुप्ता ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस से हुए विवाद में आजम खान समेत 9 लोगों के खिलाफ दर्ज एक मामले में यहां की सांसद/विधायक अदालत की न्यायाधीश स्मिता गोस्वामी ने आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला को दो-दो साल की सजा और तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.
क्या है मामला
पुलिस सूत्रों के मुताबिक 31 दिसंबर 2007 की रात उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविर पर आतंकवादी हमला हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने लगातार वाहनों की गहन तलाशी अभियान चलाया था. इसी क्रम में 29 जनवरी 2008 को समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के काफिले को जांच के दौरान रोके जाने को लेकर आजम खान नाराज हो गये थे. इसके बाद वह हरिद्वार राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए और हंगामा किया.
पुलिस ने आरोप लगाया था कि आसपास के जिलों से भी सपा नेता के समर्थन में मौके पर काफी लोग पहुंच गए थे, जिससे हरिद्वार मार्ग पर जाम लग गया और यातायात व्यवस्था ठप हो गई थी. इस मामले को लेकर छजलैट थाना पुलिस ने आजम खान समेत 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, तब से लेकर अभी तक मामले की सुनवाई चल रही थी. अब्दुल्ला आजम खान पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले के स्वार विधानसभा क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे.