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नेशनल डीवॉर्मिंग डे पर जानें पेट में कीड़ों की समस्या क्यों होती है, और इससे बचने के उपाय

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नई दिल्ली, 10फरवरी। आज नेशनल डीवॉर्मिंग डे (राष्ट्रीय कृमि दिवस) है. भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा देश में बच्चों को कीड़ों (Worm) से मुक्त रखने के लिए यह अभियान चलाया जाता है. यह एक बहुत ही बड़ा पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम है, जिसके तहत बहुत ही कम समय में देश में बच्चों की बड़ी संख्या तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पहुंच बनाई. बता दें कि दुनियाभर में 836 मिलियन यानी 83 करोड़ से अधिक बच्चे पैरासाइटिक वॉर्म इंफेक्शन के खतरे में हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 1 से 14 वर्ष तक की उम्र के 241 मिलियन यानी 24 करोड़ से अधिक बच्चे की आंतों में कीड़े होने का खतरा रहता है. आंतों में कीड़े होने की स्थिति को सॉइल ट्रांसमिटेड हेलमिंथ (STH) के नाम से भी जाना जाता है.

एसटीएच क्या होते हैं
हेलमिंथ (कीड़े) मिट्टी में मिले मल के जरिए फैलते हैं और इन्हें सॉइल ट्रांसमिटेड हेलमिंथ यानी इंटेस्टाइनल पैरासाइटिक वॉर्म यानी आंतों के (परजीवी) कीड़े भी कहा जाता है. इसमें राउंडवॉर्म (Ascaris lumbricoides), व्हिपवॉर्म (Trichuris trichiura) और हुकवॉर्म्स (Necator americanus और Ancylostoma duodenale) शामिल हैं, जो इंसानों को संक्रमित करते हैं.

एसटीएच संक्रमण कैसे होता है
यह कीड़े भोजन और निवास के लिए इंसानों पर निर्भर करते हैं, यह इंसान की आंतों में रहते हैं और प्रतिदिन हजारों अंडे देते हैं.
संक्रमित व्यक्ति के मल के साथ यह अंडे बाहर निकल जाते हैं.
संक्रमित व्यक्ति यदि खुले में शौच जाता है तो इस तरह से वह इन कीड़ों और अंडों को मल के साथ मिट्टी में छोड़ देता है.
यह अंडे मिट्टी को संक्रमित कर देते हैं और फिर कई तरह से संक्रमण फैलते हैं
यह उस जगह उगी सब्जियों के जरिए इंसानों की आंतों तक पहुंच जाते हैं. इसके लिए आपको सब्जियों को अच्छी तरह से धोना, छीलना और पकाना चाहिए.
इसके अलावा यह अंडे और कीड़े आसपास के जलस्रोत में भी मिल जाते हैं और वह जल पीने पर व्यक्ति संक्रमित हो जाता है.
बच्चे मिल्टी में खेलने के बाद जब बिना हाथ थोए उन्हें मुंह में डालते हैं या उन्हीं हाथों से कुछ खाते हैं तो वह संक्रमित हो जाते हैं.
STH संक्रमण की वजह से व्यक्ति को एनीमिया, कुपोषण (Malnutrition) के साथ ही मानसिक और शारीरिक विकास संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं. इसके अलावा बच्चे की स्कूल में भागीदारी भी कम हो सकती है.

एसटीएच संक्रमण को कैसे रोकें
स्वस्छ टॉयलेट का इस्तेमाल करें, खुले में शौच न जाएं.
अच्छी तरह से हाथ धोएं, खासतौर पर कुछ भी खाने से पहले और टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद.
टॉयलेट जाते समय जूते या चप्पल जरूर पहनें.
सब्जियों और फलों को अच्छी तरह से स्वच्छ पानी से धोएं.
हमेशा अच्छी तरह से पका हुआ भोजन ही करें.

नेशनल डीवॉर्मिंग डे का महत्व
इस दिवस का खास मकसद यह है कि स्कूल जाने की उम्र वाले और अभी उस उम्र में नहीं पहुंचे बच्चों (1-19 वर्ष) को स्कूल और आंगनवाड़ी सेंटरों के माध्यम से पेट के कीड़ों से मुक्ति दिलाएं और उनकी ओवरऑल हेल्थ में सुधार लाया जाए. उन्हें पोषण के साथ ही अच्छी शिक्षा और क्वालिटी ऑफ लाइफ जीने में मदद मिले.