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जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय ,जबलपुर में G-20 साइड इवेंट 9 फरवरी 2023 को “खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए महिला समूह”

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नई दिल्ली, 10फरवरी। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज), हैदराबाद ने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय (जेएनकेवीवी), जबलपुर और परियोजना निदेशक एटीएमए ( आत्मा) जबलपुर के सहयोग से एक दिवसीय ‘खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए महिला सामूहिक पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ ९ फरवरी २०२ को आयोजन किया।

भारत इस वर्ष G-20 शिखर सम्मेलन की प्रतिष्ठित अध्यक्षता की मेजबानी कर रहा है, जहां 200 विषयों में से एक विषय महिला नेतृत्व विकास है।महिला समूहों जैसे एसएचजी, एफपीओ, सीएनजी, डब्ल्यूएफएसजी आदि की राष्ट्रीय खाद्य और पोषण सुरक्षा में योगदान करने की बड़ी भूमिका और क्षमता है। इस संबंध में महिला समूहों के योगदान के महत्व और पहचान को ध्यान में रखते हुए, ऐसी कुछ महिला समूहों के प्रयासों को उजागर करने और अन्य महिला साथियों को प्रेरित करने के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें एसएचजी, एफपीओ, डब्ल्यूएफएसजी, एनजीओ और महिला किसानों के विभिन्न समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली 330 प्रतिभागियों ने भाग लिया।कार्यक्रम की शुरुआत उद्घाटन सत्र से हुई। डॉ. विनीता कुमारी, उप निदेशक (लिंग अध्ययन) ने कार्यक्रम के गणमान्य व्यक्तियों और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों की महिला प्रतिभागियों का स्वागत किया।

श्री के.एस. नेताम संयुक्त निदेशक कृषि, किसान कल्याण एवं कृषि विकास निदेशालय, भोपाल, मध्य प्रदेश ने इस अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित किया और खाना पकाने की विभिन्न तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया, जो पोषक तत्वों के नुकसान को सुरक्षित करने में सहायक हैं।

सम्मानित अतिथि’ प्रोफेसर प्रमोद कुमार मिश्रा, जेएनकेवीवी, जबलपुर के कुलपति ने अपने संबोधन में घरेलू पोषण में लिंग अंतर पर प्रकाश डाला।

इस आयोजन के ‘मुख्य अतिथि’ श्री विजय राजमोहन, निदेशक (I/C G 20), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार। भारत की कृषि महिलाओं द्वारा मोटा अनाज की उपयोगिता पर बल दिया।

इस कार्यक्रम में कुछ तकनीकी सत्रों की मेजबानी की गई जिसमें विभिन्न विषय विशेषज्ञों और विभिन्न श्रेणियों की महिला समूहों ने पैनल चर्चा में भाग लिया और विशेषज्ञ वार्ता की। वक्ताओं ने मुख्य रूप से खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में महिला समूहों की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया और इस तरह के दृष्टिकोण से कुपोषण को दूर करने में मदद मिल सकती है और महिलाओं और उनके परिवार की आजीविका सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय संगठन GIZ, भारतीय संस्थान जैसे SIAET, M.P. राज्य कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भोपाल और जबलपुर, एटीएमए और एमजीएसए, स्पंदन, दर्शन सेवा समिति और वेल्थुंगर लाइफ जैसे गैर सरकारी संगठनों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और तकनीकी सत्रों में अपने समूहों का प्रतिनिधित्व किया।