नई दिल्ली, 9फरवरी। पसमांदा मुसलमानों के बाद भाजपा (BJP) ने सूफी मुसलमानों को जोड़ने के लिए प्रयास तेज किए हैं. सूफी विचारधार को बढ़ावा देने के मकसद से बीजेपी बड़ा अभियान चलाने जा रही है. इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी से जोड़ने के लिए सूफी संवाद महाअभियान को लेकर एक कमेटी का भी गठन किया गया है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने सुहेब क़ासमी को यह जिम्मेदारी दी है. खास बात यह है कमेटी में अजमेर शरीफ और निज़ामुद्दीन दरगाह से भी लोगों को जोड़ा गया है.
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा पीएम नरेंद्र मोदी का झुकाव सूफ़ीज्म को लेकर रहा है. 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुसलमानों के बीच प्रोग्राम में आए थे, उस समय भी सूफी से जुड़े एक प्रोग्राम में ही शामिल हुए थे. यह प्रोग्राम मौलाना अशरफ कछौछवी के द्वारा विज्ञान भवन में कराया गया था. जमाल सिद्दीकी ने कहा यही रास्ता है जो आतंकवाद, कट्टरता को खत्म करने अमन की तरफ आगे बढ़ाता है. हम जल्दी ही पूरे देश में लोगों को जोड़कर पीएम नरेंद्र मोदी से एक बड़ा संवाद करेंगे.
बीजेपी से जुड़े रहे मुस्लिम बड़े चेहरे मौलाना सुहैब कासमी को कमेटी का प्रभारी बनाया गया है. इकबाल गौरी, गुलाम निजाम निजामी और अफसान चिश्ती सहित तीनों को सह प्रभारी बनाया गया है. उल्लेखनीय है कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विज्ञान भवन में सूफी प्रोग्राम में शामिल होना हो या फिर हाल ही में पिछले दिनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाने से पहले नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल का मुस्लिम संगठनों से मीटिंग करने में सूफी संगठनों को शामिल करना हो या फिर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दरगाह अजमेर शरीफ चादर भेजा जाना हो, भाजपा पसमांदा मुसलमानों के साथ-साथ सूफी मुसलमानों के साथ राजनीतिक रिश्ते बनाने का प्रयास करती आ रही है. इसी कड़ी में अब सूफी मुसलमानों को भाजपा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.