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वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश ने ‘पीएम गतिशक्ति’ की प्रगति की समीक्षा की

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अक्टूबर 2021 में अपनी शुरुआत से लेकर अब तक पीएम गतिशक्ति संस्थागत रूपरेखा के तहत गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) ने पिछले एक साल में 41 बैठकें की हैं और पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के अनुसार 61 परियोजनाओं का विश्लेषण किया है और उन पर गौर किया है। ये सड़क, रेलवे, औद्योगिक गलियारों, प्राकृतिक गैस, बंदरगाहों और शहरी अवसंरचना से संबंधित थीं।

राज्य मंत्री ने पीएम गतिशक्ति के तहत ‘समग्र सरकार का दृष्टिकोण’ अपनाने की सराहना की और राष्ट्र के समग्र विकास के लिए एकीकृत योजना एवं समकालिक कार्यान्वयन की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।

यह बताया गया कि विभिन्न मंत्रालय अब अभिनव तरीकों से ‘पीएम गतिशक्ति एनएमपी’ को अपना रहे हैं। रेल मंत्रालय और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अब 2000 से भी अधिक गुड्स शेड के लिए सड़क कनेक्टिविटी वाली परियोजनाएं विकसित कर रहे हैं। इसी तरह कोयला, इस्पात, उर्वरक, बंदरगाह और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण जैसे क्षेत्रों से संबंधित 156 महत्वपूर्ण अवसंरचना अंतर (गैप) की भी पहचान की गई। अत्याधुनिक 5जी नेटवर्क को लॉन्‍च करने के लिए दूरसंचार विभाग और राज्य सरकारें 5जी सेल की स्थापना करने हेतु उपयुक्त स्ट्रीट फर्नीचर की पहचान करने के लिए एनएमपी का उपयोग कर रही हैं।

सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी योजना में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।  14 सामाजिक क्षेत्र मंत्रालयों/विभागों को अब पीएम गतिशक्ति के तहत शामिल किया गया है जिनमें पंचायती राज मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, डाक विभाग, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, संस्कृति मंत्रालय, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, युवा कार्यक्रम विभाग, खेल विभाग, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और आयुष मंत्रालय शामिल हैं।

पीएम गतिशक्ति से जुड़े अपने अनुभवों, सर्वोत्तम तौर-तरीकों और दृष्टिकोण पर राज्यों के साथ संवाद करने के लिए आने वाले महीनों में 6 क्षेत्रों यानी उत्तर, मध्य, दक्षिण, पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर में क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना बनाई गई है।  इन कार्यशालाओं में केंद्र एवं राज्य स्तरों पर अवसंरचना और सामाजिक क्षेत्र मंत्रालयों/विभागों के साथ चर्चाएं की जाएंगी, लॉजिस्टिक्स नीतियां बनाई जाएंगी, इनका कार्यान्वयन और निगरानी की जाएगी, शहरी विकास के लिए शहर लॉजिस्टिक्स योजनाएं बनाई जाएंगी, विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स में सुगमता (लीड्स) सर्वेक्षण, 2023 कराया जाएगा, और प्रमुख परियोजनाओं से संबंधित राज्य स्तरीय मुद्दों पर चर्चाएं की जाएंगी।